मिर्जापुर। जिले में पांच नवंबर से बदलाव के साथ राशन का वितरण होगा। इसके लिए बाल विकास विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है। नए नियम के तहत अब फोर्टीफाइड अनुपूरक पोषाहार की जगह सूखा राशन जैसे गेहूं, दाल, चावल व दुग्ध पदार्थ केन्द्र से वितरित किया जाएगा।
बाल विकास विभाग ने राशन के वितरण में बदलाव लाने के बाद पांच नवंबर से अक्तूबर माह के राशन का वितरण शुरू करेगा। जिसके तहत जिले के 2668 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर अब सूखे राशन के वितरण की प्रणाली को नवंबर माह से लागू किया है। इसके लिए विभाग अक्तूबर माह में ही सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी, मुख्य सेविका व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पत्र के माध्यम से भी अवगत कराया जा चुका है। प्रमोद कुमार सिंह जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास व पुष्टाहार ने बताया कि शिशु, गर्भवती, धात्री व किशोरियों के स्वास्थ्य व सही पोषण को गति प्रदान करने के उद्देश्य से आंगनबाड़ी केन्द्रों पर विभाग के माध्यम से लाभार्थियों को दिए जा रहे फोर्टीफाइड अनुपूरक पोषाहार (वीनिंग फूड, मीठा, नमकीन, दलिया व लड्डू प्रीमिक्स ) के स्थान पर सूखा राशन गेहूं, दाल, चावल व दुग्ध पदार्थ जैसे देसीघी, स्किम्ड, मिक्स पाउडर केन्द्र से वितरित किया जाना सुनिश्चित किया गया है। आरएन सिंह बाल विकास परियोजना अधिकारी जमालपुर के अनुसार शासन स्तर व प्रदेश स्तरीय विभागीय अधिकारियों द्वारा जिले के केन्द्रों पर पुष्टाहार उत्पादन व वितरण का निर्णय लिया जा चुका है।
इन लोगों को इतना मिलेगा राशप
परियोजना स्तर पर इस तरह की प्रणाली को विकसित होने तक पोषाहार के रूप में ड्राई राशन (दाल, चावल, गेहूं) व दुग्ध पदार्थ (देशी घी एवं स्किम्ड मिल्क पाउडर) आंगनबाड़ी केन्द्रों से वितरित किया जायेगा। गर्भवती, धात्री, महिलाओं व 11 से 14 वर्ष की किशोरियों को प्रतिमाह दो किलो गेहूं, एक किलो चावल, 750 ग्राम दाल व तिमाही 450 ग्राम देशी घी, 750 ग्राम स्किम्ड मिक्स पाउडर पोषाहार के रूप में विभाग द्वारा उपलब्ध कराने का काम किया जायेगा। छह माह से तीन वर्ष के बच्चों को प्रतिमाह डेढ़ किलो ग्राम गेहूं, एक किलो चावल, 450 ग्राम दाल व तिमाही 450 ग्राम देशी घी, 400 ग्राम स्किम्ड मिक्स पाउडर दिया जायेगा। यह व्यवस्था तीन वर्ष से छह वर्ष के बच्चों पर भी लागू है। इसी प्रकार अति कुपोषित बच्चों को प्रतिमाह ढाई किलो गेहूं, डेढ़ किलो चावल, 500 ग्राम दाल व तिमाही 900 ग्राम देशी घी, 750 ग्राम स्किम्ड मिक्स पाउडर पोषाहार के रूप में वितरित किया जायेगा।
बाल विकास विभाग ने राशन के वितरण में बदलाव लाने के बाद पांच नवंबर से अक्तूबर माह के राशन का वितरण शुरू करेगा। जिसके तहत जिले के 2668 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर अब सूखे राशन के वितरण की प्रणाली को नवंबर माह से लागू किया है। इसके लिए विभाग अक्तूबर माह में ही सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी, मुख्य सेविका व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पत्र के माध्यम से भी अवगत कराया जा चुका है। प्रमोद कुमार सिंह जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास व पुष्टाहार ने बताया कि शिशु, गर्भवती, धात्री व किशोरियों के स्वास्थ्य व सही पोषण को गति प्रदान करने के उद्देश्य से आंगनबाड़ी केन्द्रों पर विभाग के माध्यम से लाभार्थियों को दिए जा रहे फोर्टीफाइड अनुपूरक पोषाहार (वीनिंग फूड, मीठा, नमकीन, दलिया व लड्डू प्रीमिक्स ) के स्थान पर सूखा राशन गेहूं, दाल, चावल व दुग्ध पदार्थ जैसे देसीघी, स्किम्ड, मिक्स पाउडर केन्द्र से वितरित किया जाना सुनिश्चित किया गया है। आरएन सिंह बाल विकास परियोजना अधिकारी जमालपुर के अनुसार शासन स्तर व प्रदेश स्तरीय विभागीय अधिकारियों द्वारा जिले के केन्द्रों पर पुष्टाहार उत्पादन व वितरण का निर्णय लिया जा चुका है।
इन लोगों को इतना मिलेगा राशप
परियोजना स्तर पर इस तरह की प्रणाली को विकसित होने तक पोषाहार के रूप में ड्राई राशन (दाल, चावल, गेहूं) व दुग्ध पदार्थ (देशी घी एवं स्किम्ड मिल्क पाउडर) आंगनबाड़ी केन्द्रों से वितरित किया जायेगा। गर्भवती, धात्री, महिलाओं व 11 से 14 वर्ष की किशोरियों को प्रतिमाह दो किलो गेहूं, एक किलो चावल, 750 ग्राम दाल व तिमाही 450 ग्राम देशी घी, 750 ग्राम स्किम्ड मिक्स पाउडर पोषाहार के रूप में विभाग द्वारा उपलब्ध कराने का काम किया जायेगा। छह माह से तीन वर्ष के बच्चों को प्रतिमाह डेढ़ किलो ग्राम गेहूं, एक किलो चावल, 450 ग्राम दाल व तिमाही 450 ग्राम देशी घी, 400 ग्राम स्किम्ड मिक्स पाउडर दिया जायेगा। यह व्यवस्था तीन वर्ष से छह वर्ष के बच्चों पर भी लागू है। इसी प्रकार अति कुपोषित बच्चों को प्रतिमाह ढाई किलो गेहूं, डेढ़ किलो चावल, 500 ग्राम दाल व तिमाही 900 ग्राम देशी घी, 750 ग्राम स्किम्ड मिक्स पाउडर पोषाहार के रूप में वितरित किया जायेगा।
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