पंचायत कर्मियों द्वारा पेयजल स्रोतों का परीक्षण कार्य

लखनऊ: दिनांक 26 नवम्बर, 2020

उ0प्र0 सरकार द्वारा संचालित जल गुणवत्ता अनुश्रवण एवं सतर्कता कार्यक्रम के तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 में योजना के क्रियान्वयन हेतु 3000 करोड़ रुपये का बजट प्राविधान किया गया है। वर्ष 2019-20 में राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्गत उपलब्ध धनराशि में से 886.44 करोड़ रुपये व्यय किये जा चुके हैं।
नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार केन्द्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल गुणवत्ता अनुश्रवण एवं निगरानी कार्यक्रम का राष्ट्रीय स्तर पर संचालन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत पेयजल गुणवत्ता अनुश्रवण एवं निगरानी के अंतर्गत प्रदेश के समस्त ग्रामीण पेयजल स्रोतों के रासायनिक एवं जैविक परीक्षण के लिये प्रत्येक जनपद स्तर पर प्रयोगशालाएं स्थापित की गयी है एवं राज्य स्तर पर एन.ए.बी.एल. से मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला संचालित है। इसके अतिरिक्त 05 मोबाइल प्रयोगशलाएं भी संचालित की गयी है।
ग्राम पंचायत स्तरीय व्यवस्था के अंतर्गत फील्ड किट के माध्यम से समस्त पेयजल स्रोतों की शतप्रतिशत फील्ड स्तरीय परीक्षण का कार्य पंचायत स्तर पर चिन्हित पंचायत कर्मियों द्वारा किया जा रहा है। प्रत्येक ग्राम पंचायत को स्थानीय स्तर पर जल की गुणवत्ता की जांच के लिये एक फील्ड टेस्ट किट व एच.टू.एस. की शीशियां उ0प्र0 जलनिगम द्वारा उपलब्ध करायी गयी है।

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