मिर्जापुर। जिले के तीन विकास खंडों के लोगों से प्रधानमंत्री वार्ता कर सकते हैं। इनमें सिटी विकास खंड के कामेश्वर तिवारी, मड़िहान के टऊआ निवासी मंजू देवी पटेल तथा लालगंज विकास खंड की महादेव निवासी सुमन देवी कोल का नाम प्रधानमंत्री से वार्ता के लिए प्रस्तावित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन लोगों से 22 नवंबर को आनलाइन वार्ता कर सकते हैं।
लालगंज, विकासखंड के महादेव गांव निवासी सुमन देवी कोल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पेयजल समस्या पर बात करेंगे। वे स्वयं सहायता समूह की सदस्य से पेयजल माइक्रो प्लान के बारे में जानकारी लेंगे। पूछेंगे कि विकासखंड इलाके में पेयजल समस्या प्रतिवर्ष क्यों बनी रहती है। इसी का निराकरण करने के लिए डोर टू डोर पेयजल आपूर्ति की योजना दी गई है। समस्या को साझा करने को लेकर स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्य रोमांचित हैं। सुमन देवी, लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह की सदस्य हैं। वह गांव के बारे में स्थलीय जानकारी रखती हैं। वह अपनी जानकारी देश के प्रधानमंत्री के साथ साझा करेंगी। वह प्रधानमंत्री से बात करने को लेकर उत्साहित हैं। गांव में पेयजल की पीड़ा सबसे अधिक महिलाओं को होती है। यह दर्द उन्हें विवाह के बाद से ही मिला है। वह चाहती हैं कि डोर टू डोर योजना ग्रामीणों को पेयजल समस्या से मुक्ति दिलाने में वरदान साबित हो। गांव में पांच सौ परिवार निवास करते हैं। पूरे गांव में पेयजल आपूर्ति के लिए टैंकर ही अभी तक साधन है। सुमन देवी के मन में तरह-तरह के सवाल और खुशी की उमंग है। गरीब क्षेत्र परिवार की महिला को देश के प्रधानमंत्री से समस्या साझा करने का अवसर मिला है। यह सुनकर पास पड़ोस की महिलाओं में भी एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। गांव की महिलाओं का कहना है कि सुमन भाग्यशाली है। उन्हें अपने गांव के दर्द और समस्या के निराकरण की योजना प्रधानमंत्री को बताने का अवसर मिला है।
लालगंज, विकासखंड के महादेव गांव निवासी सुमन देवी कोल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पेयजल समस्या पर बात करेंगे। वे स्वयं सहायता समूह की सदस्य से पेयजल माइक्रो प्लान के बारे में जानकारी लेंगे। पूछेंगे कि विकासखंड इलाके में पेयजल समस्या प्रतिवर्ष क्यों बनी रहती है। इसी का निराकरण करने के लिए डोर टू डोर पेयजल आपूर्ति की योजना दी गई है। समस्या को साझा करने को लेकर स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्य रोमांचित हैं। सुमन देवी, लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह की सदस्य हैं। वह गांव के बारे में स्थलीय जानकारी रखती हैं। वह अपनी जानकारी देश के प्रधानमंत्री के साथ साझा करेंगी। वह प्रधानमंत्री से बात करने को लेकर उत्साहित हैं। गांव में पेयजल की पीड़ा सबसे अधिक महिलाओं को होती है। यह दर्द उन्हें विवाह के बाद से ही मिला है। वह चाहती हैं कि डोर टू डोर योजना ग्रामीणों को पेयजल समस्या से मुक्ति दिलाने में वरदान साबित हो। गांव में पांच सौ परिवार निवास करते हैं। पूरे गांव में पेयजल आपूर्ति के लिए टैंकर ही अभी तक साधन है। सुमन देवी के मन में तरह-तरह के सवाल और खुशी की उमंग है। गरीब क्षेत्र परिवार की महिला को देश के प्रधानमंत्री से समस्या साझा करने का अवसर मिला है। यह सुनकर पास पड़ोस की महिलाओं में भी एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। गांव की महिलाओं का कहना है कि सुमन भाग्यशाली है। उन्हें अपने गांव के दर्द और समस्या के निराकरण की योजना प्रधानमंत्री को बताने का अवसर मिला है।
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