नोएडा : सेक्टर-30 स्थित जिला अस्पताल में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए सरकार करोड़ों रुपये की लागत से मेडिकल उपकरण उपलब्ध करा रही है। इसके विपरीत मरीजों को इन उपकरणों की सुविधा नहीं मिल पाती है। मजबूरी में जांच और इलाज के लिए मरीजों को निजी क्लीनिक और जांच घर जाना पड़ता है। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह के एक परिचित से जुड़ा है। ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स ने उससे बुखार मापने के लिए निजी मेडिकल स्टोर से थर्मामीटर मंगवा लिया। जब इसकी जानकारी स्वास्थ्य मंत्री को हुई, तो उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ.रेनू अग्रवाल को जमकर फटकार लगाई।

स्वास्थ्य मंत्री के एक परिचित ने बुखार से पीड़ित अपने बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था। भर्ती के दौरान बच्चे को जब अचानक तेज बुखार हुआ, तो स्वजन ने मौके पर मौजूद स्टाफ नर्स से बुखार मापने को कहा। इस पर स्टाफ नर्स ने थर्मामीटर नहीं होने की बात कहकर बुखार मापने से मना कर दिया। इतना ही नहीं, उसने बुखार मापने के लिए निजी मेडिकल स्टोर से थर्मामीटर लाने के लिए कहा। मजबूरी में स्वास्थ्य मंत्री के परिचित को निजी मेडिकल स्टोर से थर्मामीटर खरीदकर लाना पड़ा। मरीजों से मंगाई जाती है बाहर की दवा:

अस्पताल में भर्ती मरीजों से बाहर से दवा और मेडिकल उपकरण मंगाने की बात कोई नई नहीं है। इमरजेंसी सहित दूसरे वार्ड में भर्ती मरीजों ने कई बार इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन से शिकायत की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। वर्जन..

अस्पताल में बुखार मापने के लिए पर्याप्त मात्रा में थर्मामीटर मौजूद है। स्वास्थ्य मंत्री के परिचित से स्टाफ नर्स ने बाहर से थर्मामीटर क्यों मंगाया, इसके लिए स्टाफ नर्स से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

- डॉ. रेनू अग्रवाल, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला अस्पताल

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