गोंडा। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत चयनित जिले के दो लाख से अधिक सूचीबद्ध परिवारों में से अभी तक केवल 65 हजार को ही गोल्डन कार्ड का लाभ मिल पाया है। दो साल से संचालित इस महत्वपूर्ण योजना के लाभ से करीब डेढ़ लाख परिवार वंचित हैं। जिले में दो लाख पांच हजार 735 परिवारों के दस लाख सदस्यों को गोल्डेन कार्ड से आच्छादित किया जाना है। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते ऐसा नहीं हो पाया जिससे करीब डेढ़ लाख परिवारों के करीब आठ लाख लोग इसका लाभ नहीं ले सके।
जिला अस्पताल में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना कार्ड बनाये जाने व लाभार्थियों का सहयोग करने के लिए अलग कक्ष बनाया गया तथा आरोग्य मित्र की नियुक्ति की गई। लेकिन अस्पताल में आने वाले मरीजों का कार्ड बनाये जाने में समस्या हो रही है। कभी नेटवर्क बाधित होने का हवाला दिया जाता है तो कभी आरोग्य मित्र कक्ष में कर्मचारी नदारद मिलता है।
योजना में दो लाख परिवार हैं सूचीबद्ध
आयुष्मान भारत योजना में 2011 के आर्थिक गणना के मुताबिक जिले के 2,05,735 सूचीबद्ध आर्थिक रुप से कमजोर परिवारों राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का गोल्डन कार्ड बनाकर प्रतिवर्ष पांच लाख रुपए तक निशुल्क उपचार का लाभ दिया जाना था। लेकिन योजना के दो वर्ष बाद में 145735 परिवारों का गोल्डन कार्ड नहीं बन सका है।
फैक्ट फ़ाइल-
सूचीबद्ध परिवार- 2,05,735
गोल्डन कार्ड बना- 65000
चयनित अस्पताल (सरकारी)-19
चयनित अस्पताल (निजी)- 6
कैंप लगाकर बनाया जा रहा कार्ड
जिले के सभी ग्राम पंचायतों में कैंप लगाकर प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत सूचीबद्ध परिवारों का गोल्डन कार्ड बनाया जा रहा है। अभी तक लक्ष्य 205735 के सापेक्ष 65 हजार परिवार का कार्ड बनाया जा चुका है। सूचीबद्ध परिवारों के दस लाख सदस्यों को इसका लाभ दिया जाना है जिसमें से 145633 सदस्यों को लाभ मिला है। -डॉ. संदीप कुमार तिवारी, जिला नोडल अधिकारी आयुष्मान भारत योजना, गोंडा

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