मिर्जापुर। जिले के गंभीर दिव्यांग बच्चों को अब उनके घर पर ही शिक्षा दी जाएगी। इस होमबेस्ड कार्यक्रम के तहत ऐसे बच्चों का चयन किया जाएगा जो गंभीर बौद्धिक दिव्यांग अथवा बहु दिव्यांग हैं। स्पेशल एजुकेटर इनके घर जाकर ऐसे बच्चों को शिक्षित करेंगे।
नि:शुल्क शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत यह देखा गया कि साधारण दिव्यांग बच्चों को समेकित शिक्षा के तहत एक्सेलेरेटेड लर्निंग कैंप के जरिए शिक्षित किया जा रहा है। लेकिन जो बच्चे बहु दिव्यांग हैं अथवा गंभीर दिव्यांग हैं। वे अपने घर से निकल नहीं पाते। फलत: वे शिक्षा की मुख्य धारा से वंचित हो जा रहे थे। इस बात को ध्यान में रखते हुए अब विभाग के स्पेशल एजुकेटरों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे कम से कम पांच ऐसे गंभीर दिव्यांग बच्चों को चिन्हित करते हुए उनके घर पर जाकर उनको शिक्षित करें।
शिजक्षा मिल सकेगी। यह एक अच्छी पहल है।
- केशराज सिंह, नोडल अधिकारी
नि:शुल्क शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत यह देखा गया कि साधारण दिव्यांग बच्चों को समेकित शिक्षा के तहत एक्सेलेरेटेड लर्निंग कैंप के जरिए शिक्षित किया जा रहा है। लेकिन जो बच्चे बहु दिव्यांग हैं अथवा गंभीर दिव्यांग हैं। वे अपने घर से निकल नहीं पाते। फलत: वे शिक्षा की मुख्य धारा से वंचित हो जा रहे थे। इस बात को ध्यान में रखते हुए अब विभाग के स्पेशल एजुकेटरों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे कम से कम पांच ऐसे गंभीर दिव्यांग बच्चों को चिन्हित करते हुए उनके घर पर जाकर उनको शिक्षित करें।
शिजक्षा मिल सकेगी। यह एक अच्छी पहल है।
- केशराज सिंह, नोडल अधिकारी
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