मिर्जापुर। विंध्य कॉरिडोर परिक्रमा पथ के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई। शासन ने इसके लिए पहले चरण में 20 करोड़ रुपये जारी किए हैं। पहले चरण में संबंधित भवन स्वामियों को प्रतिकर दिया जाएगा।
विंध्य कॉरिडोर के परिक्रमा पथ की जद में मंदिर के पास के 92 भवन आ रहे हैं। इनमें नौ भवन सरकारी हैं और 83 भवन निजी हैं। यह 60 लोगों के स्वामित्व में हैं। प्रशासन इस समय परिक्रमा पथ की जद में आने वाले भवनों की चौहद्दी तय कर रहा है। श्री विंध्य पंडा समाज की मांग पर चौहद्दी तय होने के बाद भवन स्वामियों से सहमति पत्र लेकर बैनामा कराया जाएगा। हालांकि अभी सहमति पत्र को लेकर प्रशासन और भवन स्वामियों की जिच कायम है। कभी कहा जाता है कि कुछ लोगों ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए हैं तो कभी कहा जाता है कि आपत्ति की जा रही है। बहरहाल अभी इसमें सहमति पत्र नहीं देने की बात की जा रही है। जिला प्रशासन का कहना है कि जो पहले सहमति पत्र देगा। उसको पहले मुुआवजा दिया जाएगा। सिटी मजिस्ट्रेट जगदंबा सिंह ने कहा कि लोक निर्माण विभाग से इस स्थान पर 30 हजार प्रति वर्ग मीटर का दोगुना अर्थात 60 हजार रुपये प्रतिवर्ग मीटर की दर से मुआवजा दिया जाएगा। यह पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर होगा।
प्रथम चरण में परिक्रमा पथ की जद में आने वाले सभी भवन स्वामियों को मुआवजा देने के बाद अगला चरण शुरू किया जाएगा। परिक्रमा पथ में क्या बनेगा और कैसे बनेगा। इसकी डीपीआर बाद में बनाई जाएगी। फिलहाल पहले मुआवजा देने का प्रयास होगा। उसके बाद अगला चरण शुरू होगा।
विंध्य कॉरिडोर के परिक्रमा पथ की जद में मंदिर के पास के 92 भवन आ रहे हैं। इनमें नौ भवन सरकारी हैं और 83 भवन निजी हैं। यह 60 लोगों के स्वामित्व में हैं। प्रशासन इस समय परिक्रमा पथ की जद में आने वाले भवनों की चौहद्दी तय कर रहा है। श्री विंध्य पंडा समाज की मांग पर चौहद्दी तय होने के बाद भवन स्वामियों से सहमति पत्र लेकर बैनामा कराया जाएगा। हालांकि अभी सहमति पत्र को लेकर प्रशासन और भवन स्वामियों की जिच कायम है। कभी कहा जाता है कि कुछ लोगों ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए हैं तो कभी कहा जाता है कि आपत्ति की जा रही है। बहरहाल अभी इसमें सहमति पत्र नहीं देने की बात की जा रही है। जिला प्रशासन का कहना है कि जो पहले सहमति पत्र देगा। उसको पहले मुुआवजा दिया जाएगा। सिटी मजिस्ट्रेट जगदंबा सिंह ने कहा कि लोक निर्माण विभाग से इस स्थान पर 30 हजार प्रति वर्ग मीटर का दोगुना अर्थात 60 हजार रुपये प्रतिवर्ग मीटर की दर से मुआवजा दिया जाएगा। यह पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर होगा।
प्रथम चरण में परिक्रमा पथ की जद में आने वाले सभी भवन स्वामियों को मुआवजा देने के बाद अगला चरण शुरू किया जाएगा। परिक्रमा पथ में क्या बनेगा और कैसे बनेगा। इसकी डीपीआर बाद में बनाई जाएगी। फिलहाल पहले मुआवजा देने का प्रयास होगा। उसके बाद अगला चरण शुरू होगा।
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