शिवदयाल गंज गोंडा । नवाबगंज विकासखंड के अकबरपुर ग्राम पंचायत में श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन कथावाचक पंडित योगेश शास्त्री ने कथा सुनाते हुए बताया परीक्षित ने राजा परीक्षित ने आचार्य सुखदेव जी से पूछा कि गुरुदेव यह बताइए कुछ आप हमसे अनजाने में हो जाते हैं उससे मुक्ति का क्या उपाय है जैसे जब हम चूल्हे में लकड़ी या चलाते हैं तो तमाम चीटियां मर जाती है गाड़ी से या पैदल आते जाते हैं तमाम चींटी के लिए मकोड़े मर जाते हैं यह तो अनजाने में पाप हो जाते हैं लेकिन पाप तो पाप है आचार्य सुखदेव जी कहते हैं कि पांच प्रकार के यज्ञ व्यक्ति को प्रतिदिन करना चाहिए जैसे रोटी बन जाए तो पहली रोटी गाय की यह भी नहीं हो पाए तो अग्नि भोजन भी चीनी और रोटी अग्नि में अभी दो यह भी ना हो पाए जलाशय में जहां मछलियां रहती हैं वहां आटा डालो यह भी ना हो पाए पेड़ की जड़ के पास जहां चीटियां होती हैं वहां डालो लेकिन मैं तो कहता हूं कि सबसे बड़ी यज्ञ है भगवान श्री हरि का श्री कृष्ण का नाम संकीर्तन करो सारे पाप अपने आप मिट जाएंगे नाम की महिमा है रामचरितमानस में बाबा जी ने स्वयं लिखा है कहां हो कहां लगी नाम बड़ा ही राम नाम गुण गाए नाम की बड़ी महिमा है देखिए एक प्रसंग याद आ गया आप लोगों को सुनाएंगे एक अजामिल डाकू था जिसको संतों की कृपा से अपने बेटे का नाम नारायण लखा रखना पड़ा और नारायण की कृपा से मरते समय उसने यमराज के जूतों से बचने के लिए अपने बेटे नारायण को बुलाया लेकिन स्वयं नारायण के पार्षद आ गए जिससे एम के जूतों से उसे बचा लिया यह नाम की महिमा है कथा श्रवण के दौरान यजमान सुनील जायसवाल घनश्याम जायसवाल ओंकार तिवारी अभय शुक्ला विजय तिवारी सहित तमाम श्रोता मौजूद रहे
*रिपोर्टः आनन्द कुमार संवाद न्यूज़ गोण्डा से*
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know