बाराबंकी। निजी अस्पताल संचालक कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं। नियमों को दरकिनार कर यहां मरीज देखे और भर्ती किए जा रहे हैं। शासन के निर्देशों का पालन न किए जाने की सूचना पर सीएमओ के निर्देेश पर एसीएमओ की टीम ने गुरुवार को शहर के चार अस्पतालों में छापा मारा। इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह से अनुपालन करने के निर्देश दिए गए।
जिले में पंजीकृत अस्पतालों की संख्या 111 है जबकि हकीकत इससे इतर है। ऐसे कई अस्पताल हैं जिनका संचालन बिना पंजीकरण के किया जा रहा है। इसके अलावा ऐसे कई अस्पताल है जहां कोरोना गाइडलाइन का जरा भी पालन नहीं किया जा रहा है। इन अस्पतालों में जहां मरीजों की भारी भीड़ जुट रही है, वहीं सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन किए बिना ही मरीजों को भर्ती भी किया जा रहा है। एक मरीज के साथ कई-कई तीमारदार मौजूद रहते हैं और इनके द्वारा न तो मास्क ही लगाया जाता है और न हीं दो गज की दूरी का पालन ही किया जा रहा है।
अस्पताल संचालकों की इस लापरवाही की वजह से जिले में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण के फैलाव का खतरा बढ़ता जा रहा है लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा था। शासन से मिले निर्देशों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे अस्पताल संचालकों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। एसीएमओ के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया है जो इन अस्पतालों पर छापा मारकर कोरोना गाइडलाइन का अनुपालन कराने में लगी है।
सीएमओ के निर्देश पर एसीएमओ डॉ. आरएन वर्मा ने गुरुवार को शहर के चार अस्पतालों पर छापा मारा। एसीएमओ ने बताया कि सबसे पहले उन्होंने नाका सतरिख के निकट स्थित अपूर्व सर्जिकल अस्पताल का निरीक्षण किया। इसके साथ ही पल्हरी चौराहा स्थित कृपाशंकर अस्पताल, पल्हरी-जैदपुर मार्ग स्थित ओम हास्पिटल और इसी मार्ग पर संचालित अजंता पाली क्लीनिक का निरीक्षण किया।
उन्होंने बताया कि जहां पर खामियां मिली हैं उन्हें दूर करने तथा शासन द्वारा कोरोना को लेकर जारी निर्देशों का पूरी तरह से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। आदेश का उल्लंघन करने वाले संचालकों को नोटिस जारी कर जवाब तलब भी किया जाता है।
सीएमओ डॉ. बीकेएस चौहान ने बताया कि निजी अस्पताल संचालकों को कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए अस्पतालों का संचालन करने के निर्देश दिए गए हैं लेकिन कई अस्पताल इसका पालन नहीं कर रहे हैं जिस पर एसीएमओ की टीम को जांच के लिए लगाया गया है जो अस्पतालों की लगातार जांच कर रही है। जहां पर भी नियमों का उल्लंघन पाया जाएगा, उस अस्पताल संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जिले में पंजीकृत अस्पतालों की संख्या 111 है जबकि हकीकत इससे इतर है। ऐसे कई अस्पताल हैं जिनका संचालन बिना पंजीकरण के किया जा रहा है। इसके अलावा ऐसे कई अस्पताल है जहां कोरोना गाइडलाइन का जरा भी पालन नहीं किया जा रहा है। इन अस्पतालों में जहां मरीजों की भारी भीड़ जुट रही है, वहीं सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन किए बिना ही मरीजों को भर्ती भी किया जा रहा है। एक मरीज के साथ कई-कई तीमारदार मौजूद रहते हैं और इनके द्वारा न तो मास्क ही लगाया जाता है और न हीं दो गज की दूरी का पालन ही किया जा रहा है।
अस्पताल संचालकों की इस लापरवाही की वजह से जिले में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण के फैलाव का खतरा बढ़ता जा रहा है लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा था। शासन से मिले निर्देशों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे अस्पताल संचालकों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। एसीएमओ के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया है जो इन अस्पतालों पर छापा मारकर कोरोना गाइडलाइन का अनुपालन कराने में लगी है।
सीएमओ के निर्देश पर एसीएमओ डॉ. आरएन वर्मा ने गुरुवार को शहर के चार अस्पतालों पर छापा मारा। एसीएमओ ने बताया कि सबसे पहले उन्होंने नाका सतरिख के निकट स्थित अपूर्व सर्जिकल अस्पताल का निरीक्षण किया। इसके साथ ही पल्हरी चौराहा स्थित कृपाशंकर अस्पताल, पल्हरी-जैदपुर मार्ग स्थित ओम हास्पिटल और इसी मार्ग पर संचालित अजंता पाली क्लीनिक का निरीक्षण किया।
उन्होंने बताया कि जहां पर खामियां मिली हैं उन्हें दूर करने तथा शासन द्वारा कोरोना को लेकर जारी निर्देशों का पूरी तरह से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। आदेश का उल्लंघन करने वाले संचालकों को नोटिस जारी कर जवाब तलब भी किया जाता है।
सीएमओ डॉ. बीकेएस चौहान ने बताया कि निजी अस्पताल संचालकों को कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए अस्पतालों का संचालन करने के निर्देश दिए गए हैं लेकिन कई अस्पताल इसका पालन नहीं कर रहे हैं जिस पर एसीएमओ की टीम को जांच के लिए लगाया गया है जो अस्पतालों की लगातार जांच कर रही है। जहां पर भी नियमों का उल्लंघन पाया जाएगा, उस अस्पताल संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know