ओवर स्पीड ने लगाया छह हजार जिदगियों पर ब्रेक

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-तेज रफ्तार से वाहन चलाने से होते हैं करीब 70 फीसद हादसे

वैसे तो अनफिट वाहन, नशा, ओवरलोडेड वाहन, खराब सड़क, सड़क पर खड़े वाहन और यातायात नियमों का उल्लंघन आदि हादसों की वजह बनते हैं। लेकिन, सरकारी आकड़ों के अनुसार 70 फीसद सड़क हादसे तेज रफ्तार के कारण हो रहे हैं। निर्धारित सीमा से अधिक रफ्तार लोगों की सांसों पर ब्रेक लग रही है। बीते छह वर्षों में जिले में 8635 हजार हादसे हो चुके हैं। इनमें करीब छह हजार हादसों का कारण तेज रफ्तार रही। अधूरा निर्माण, खराब सड़कें ले रहीं जान : किसी भी क्षेत्र की सड़कें वहां के विकास की द्योतक होती हैं, लेकिन अच्छी सड़क पर तेज रफ्तार हादसे का कारण बनती हैं। खराब सड़के और अधूरा पड़ा निर्माण कार्य भी जान लेने की वजह बनता है। रामनगर में बाराबंकी-बहराइच को जोड़ने वाले घाघरा पुल पर 2014 में एक गड्ढे के कारण ही 22 मजदूर काल के गाल में समा गए थे। ट्रैफिक सिग्नल न पार्किंग : जिले में यातायात व्यवस्था का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिले के किसी भी चौराहे पर ट्रैफिक सिग्नल नहीं है। हालांकि, जिम्मेदार अफसर जल्द ही शहर के कुछ चौराहों पर लगाए जाने की बात कह रहे हैं। जगह-जगह वाहनों की अवैध पार्किंग जाम का कारण तो बनती ही है हादसे भी होते हैं। खासतौर पर हाईवे पर सड़कों किनारे भारी वाहन आए दिन लोगों के लिए काल बन जाते हैं। ठंड के मौसम में जब घना कोहरा होता है हाईवे किनारे ऐसे वाहन मौत को दावत देते हैं। यातायात नियमों की अनदेखी : यातायात नियम हों अथवा कोविड-19 के नियम यह हमारी सुरक्षा के लिए हैं, लेकिन इसका कोई पालन करना नहीं चाहता। इसके लिए पुलिस-प्रशासन लोगों को जागरूक करने के साथ कार्रवाई भी करता है। इसके बावजूद लोग नियमों की अनदेखी करते रहते हैं। परिवारजन भी निभाएं जिम्मेदारी

कहा जाता है कि इलाज से सतर्कता बेहतर है। मैं लोगों को जागरूक करने के दौरान सीट बेल्ट और हेलमेट का प्रयोग करने के साथ ही निर्धारित गति में वाहन चलाने के लिए प्रेरित करता हूं। उनके परिवारजन से भी पहल करने का आग्रह करता हूं। परिणाम स्वरूप कई परिवारों में बच्चे और महिलाओं ने तो परिवार के सदस्य को बाइक निकालते समय हेलमेट पकड़ाना शुरू कर दिया है। वाहनों की गति पर नियंत्रण हो और दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों में सावधानी संकेतक और चिन्हित स्थानों पर गति अवरोधक लगाएं जाएं।

-आशुतोष आनंद अवस्थी, शिक्षक

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घटनाओं से होने वाले नुकसान के उदाहरण देकर लोगों को सतर्कता बरतने के लिए प्रेरित करता हूं। नियमों का पालन किया जाए और विभाग की ओर से संकेतक लगाए जाने से काफी हद हादसों के आंकड़ों में कमी लाई जा सकती है। इसके लिए किसी व्यक्ति या संस्था नहीं सामूहिक प्रयास किए जाने की जरूरत है।

-योगेंद्र जायसवाल, यातायात प्रहरी। ------------------------------

जिम्मेदार के बोल

हमारी जागरूकता ही सड़क हादसों पर ब्रेक लगा सकती है। थोड़ी सी लापरवाही गंभीर हादसे का कारण बन सकता है। यातायात नियम हमारी सुरक्षा के लिए बने हैं। इनका अनुपालन न करने पर सड़क हादसे होते हैं। इसमें सर्वाधिक कारण वाहनों की ओवर स्पीड होती है। भारत सरकार के आकड़ो के अनुसार 70 फीसद हादसे तेज रफ्तार के कारण ही होते हैं।

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