प्रतिनिधि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की एक बार फिर सरगर्मी बढ़ गई है। प्रशासनिक स्तर पर चुनाव की तैयारी तेज हो जाने की सूचना मिलते ही चुनाव मैदान में उतरने वाले दावेदार ग्रामीण मतदाताओं को लुभाने एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं।
2021 में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगीराज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जिला प्रशासन की तैयारियां तेज हो गई हैं।
ग्रामीण क्षेत्र में पंच, सरपंच, ब्लाक समिति और जिला परिषद पद के लिए तैयारी कर रहे उम्मीदवारों ने कमर कस ली है। रोजाना बैठकों का दौर शुरू हो गया है। सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाले सरपंच पद के चुनाव को लेकर हर व्यक्ति की जुबान पर संभावित प्रत्याशियों के नाम हैं।
ग्रामीण चौपालों में सरपंच का चुनाव लड़ने प्रत्याशी भी हाजिरी लगाने लगे हैं। सुबह के समय जगह जगह बुजुर्गों की टोली चुनाव पर चर्चा करती नजर आ रही है। कहीं गांव के विकास को देखकर पंचायत को दोबारा जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी है तो कहीं ग्राम पंचायत द्वारा कराए गए कार्यों से नाखुश लोग बदलाव की तैयारी में हैं। ग्रामीण क्षेत्र के लिए सबसे महत्वपूर्ण चुनाव सरपंच का ही होता है ऐसे में अब सभी गांवों इस पद के लिए चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों की तुलना भी की जाने लगी है।
ग्रामीण क्षेत्र के लोग कहते हैं कि सर्वसम्मति से पंचायत चुनने से गांव को काफी फायदा होता है। जिसे सरपंच अपने अनुसार गांव के विकास में खर्च कर सकता है। इसके साथ ही सर्वसम्मति से चुनने में किसी प्रकार की रंजिश नहीं होती है। गांव के लोग मिलकर सरपंच चुनते हैं तो वह विकास कार्य कराने में भी भेदभाव नहीं करता और पूरे गांव का एक समान विकास होता है।
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