गोंडा। सिखों के प्रथम गुरु व संस्थापक गुरुनानक देव का 551वां प्रकाशोत्सव सोमवार को धूमधाम से मनाया गया। शहर के मालवीय नगर स्थित दुख निवारण साहिब गुरुद्वारे में सुबह गुरुग्रंथ साहिब के अखंड पाठ के समापन के बाद रागी जत्थों ने सबद-कीर्तन कर संगत को निहाल कर दिया। गुरुद्वारे में ‘जो बोले सो निहाल, सतश्री अकाल’ के नारे गूंजते रहे। दोपहर से देर शाम तक लंगर चलता रहा। जिसमें सभी धर्मों के लोगों ने प्रसाद छका।सबद-कीर्तन सुन संगत हुई निहाल
गुरुनानक देव के प्रकाशोत्सव में पूरा दिन गुरुद्वारे में गुरुवाणी व शब्द-कीर्तन चलता रहा। रागी जत्थे के गगनदीप सिंह, वरुशीश सिंह, उपकार सिंह हजूरी रागी जत्थे ने ‘सतगुरु नानक प्रगटया, मिटी धुंध जग चानन होया’ व ‘सब राजन के राजा हो सत गुरु’ समेत कई गायन किया। जिसे सुनकर संगत निहाल हो गयी। सबद-कीर्तन में जिलाधिकारी डॉ. नितिन बंसल, पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडेय, नगर मजिस्ट्रेट वंदना त्रिवेदी समेत गुरुद्वारा समिति के सचिव राजेंद्र सिंह खुराना, नरेंद्र सिंह चावला, विक्की सिंह, अजीत सिंह सलूजा, संजू छाबड़ा आदि उपस्थित रहे।
गुरुपर्व पर सभी समुदायों ने छका लंगर
गुरुपर्व पर गुरुद्वारे में दोपहर के बाद लंगर का आयोजन किया गया। गुरुद्वारा समिति के सचिव राजेन्द्र सिंह खुराना ने बताया कि देर शाम तक लंगर चलता रहा। जिसमे सभी धर्मों के लोगों ने ऊंच-नीच का भेदभाव भुलाकर एक पंक्ति में बैठकर लंगर का प्रसाद छका।

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