सर्वधर्म समभाव, सामाजिक समरसता को बढ़ावा दे रही है मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना
लखनऊ: 23 नवंबर 2020
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश में सामाजिक समरसता, आपसी भाई-चारे, प्रेम और सद्भाव के साथ सर्वधर्म समभाव को बढ़ावा देते हुए जनता के विकास और कल्याण हेतु विभिन्न योजनाएं संचालित कर विकास को गति दे रहे हैं। भारतीय संस्कृति और परम्परा में सभी धर्म के माता पिता की हार्दिक इच्छा होती है कि वे अपनी पुत्री का विवाह कर कन्यादान करें। समाज में कई लोग ऐसे होते हैं जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होती है और उनके पास अपनी पुत्री के विवाह के लिए धन का अभाव होता है। धनाभाव के कारण पुत्री के हाथ पीले न होने पर माता-पिता चिन्तित रहते हैं।
प्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने गरीबों की पुत्रियों के विवाह हेतु मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना लागू कर अत्यन्त कल्याणकारी कदम उठाया है। समाज में सर्वधर्म समभाव तथा सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए इस योजना के अन्तर्गत विभिन्न समुदाय एवं धर्माें के रीति रिवाजों के अनुसार वैवाहिक कार्यक्रम सम्पन्न कराया जाता है। इस योजना का यह भी उद्देश्य है कि विवाह उत्सव में होने वाले अनावश्यक प्रदर्शन एवं अपव्यय को समाप्त किया जाय। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत 02 लाख रूपये तक की वार्षिक आय वाले सभी वर्गों के परिवार इस योजना से आच्छादित होते हैं। सभी वर्गों के जरूरतमंदों निराश्रित, गरीब परिवारों की कन्याओं के विवाह हेतु जिलों में सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाता है। इसके अन्तर्गत विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा महिलाओं के विवाह की भी व्यवस्था है।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत दाम्पत्य जीवन में खुशहाली एवं गृहस्थी की स्थापना हेतु कन्या के खाते में रू0 35 हजार की धनराशि अनुदान के रूप में दी जाती है तथा वैवाहिक संस्कार के लिए आवश्यक सामग्री यथा कपड़े, बिछिया, पायल, बर्तन आदि हेतु रू0 10 हजार की धनराशि से क्रय करने के लिए दिया जाता है। प्रत्येक जोड़े के विवाह आयोजन पर रू0 06 हजार की धनराशि व्यय किये जाने की व्यवस्था है। इस प्रकार प्रदेश सरकार एक जोड़े के विवाह पर कुल 51 हजार रूपये की धनराशि देती है।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत विवाह कराने के लिए नगरीय क्षेत्रके परिवारों को सम्बन्धित अपने नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद् नगर निगम में तथा ग्रामीण क्षेत्र के परिवारों को क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत स्तर पर पंजीकरण के बाद न्यूनतम् 10 जोड़ों के विवाह पर सामूहिक विवाह आयोजित कराया जाता है। सामूहिक विवाह समाज कल्याण विभाग द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से सम्पादित किया जाता है।
प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गयी इस सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत अब तक प्रदेश के एक लाख पंाच हजार गरीब परिवारों की पुत्रियों /जोड़ों के विवाह कराये जा चुके हैं। जिसमें 12650 अल्पसंख्यक वर्ग की पुत्रियों 34252 अन्य पिछड़ा वर्ग की पुत्रियों, 52552 अनुसूचित जाति की पुत्रियों, 4603 सामान्य वर्ग के पुत्रियों/जोड़ों का विवाह सम्पन्न कराते हुए गरीबों को राहत प्रदान की गयी है। प्रदेश सरकार की इस योजना से गरीब की पुत्रियों के हाथ पीले हो रहे हैं और लाभार्थी खुश हैं।
लखनऊ: 23 नवंबर 2020
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश में सामाजिक समरसता, आपसी भाई-चारे, प्रेम और सद्भाव के साथ सर्वधर्म समभाव को बढ़ावा देते हुए जनता के विकास और कल्याण हेतु विभिन्न योजनाएं संचालित कर विकास को गति दे रहे हैं। भारतीय संस्कृति और परम्परा में सभी धर्म के माता पिता की हार्दिक इच्छा होती है कि वे अपनी पुत्री का विवाह कर कन्यादान करें। समाज में कई लोग ऐसे होते हैं जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होती है और उनके पास अपनी पुत्री के विवाह के लिए धन का अभाव होता है। धनाभाव के कारण पुत्री के हाथ पीले न होने पर माता-पिता चिन्तित रहते हैं।
प्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने गरीबों की पुत्रियों के विवाह हेतु मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना लागू कर अत्यन्त कल्याणकारी कदम उठाया है। समाज में सर्वधर्म समभाव तथा सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए इस योजना के अन्तर्गत विभिन्न समुदाय एवं धर्माें के रीति रिवाजों के अनुसार वैवाहिक कार्यक्रम सम्पन्न कराया जाता है। इस योजना का यह भी उद्देश्य है कि विवाह उत्सव में होने वाले अनावश्यक प्रदर्शन एवं अपव्यय को समाप्त किया जाय। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत 02 लाख रूपये तक की वार्षिक आय वाले सभी वर्गों के परिवार इस योजना से आच्छादित होते हैं। सभी वर्गों के जरूरतमंदों निराश्रित, गरीब परिवारों की कन्याओं के विवाह हेतु जिलों में सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाता है। इसके अन्तर्गत विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा महिलाओं के विवाह की भी व्यवस्था है।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत दाम्पत्य जीवन में खुशहाली एवं गृहस्थी की स्थापना हेतु कन्या के खाते में रू0 35 हजार की धनराशि अनुदान के रूप में दी जाती है तथा वैवाहिक संस्कार के लिए आवश्यक सामग्री यथा कपड़े, बिछिया, पायल, बर्तन आदि हेतु रू0 10 हजार की धनराशि से क्रय करने के लिए दिया जाता है। प्रत्येक जोड़े के विवाह आयोजन पर रू0 06 हजार की धनराशि व्यय किये जाने की व्यवस्था है। इस प्रकार प्रदेश सरकार एक जोड़े के विवाह पर कुल 51 हजार रूपये की धनराशि देती है।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत विवाह कराने के लिए नगरीय क्षेत्रके परिवारों को सम्बन्धित अपने नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद् नगर निगम में तथा ग्रामीण क्षेत्र के परिवारों को क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत स्तर पर पंजीकरण के बाद न्यूनतम् 10 जोड़ों के विवाह पर सामूहिक विवाह आयोजित कराया जाता है। सामूहिक विवाह समाज कल्याण विभाग द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से सम्पादित किया जाता है।
प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गयी इस सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत अब तक प्रदेश के एक लाख पंाच हजार गरीब परिवारों की पुत्रियों /जोड़ों के विवाह कराये जा चुके हैं। जिसमें 12650 अल्पसंख्यक वर्ग की पुत्रियों 34252 अन्य पिछड़ा वर्ग की पुत्रियों, 52552 अनुसूचित जाति की पुत्रियों, 4603 सामान्य वर्ग के पुत्रियों/जोड़ों का विवाह सम्पन्न कराते हुए गरीबों को राहत प्रदान की गयी है। प्रदेश सरकार की इस योजना से गरीब की पुत्रियों के हाथ पीले हो रहे हैं और लाभार्थी खुश हैं।
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