किसानों की सहायता हेतु शिकायत दर्ज करने के लिए आयुक्त, गन्ना एवं चीनी ने टोल फ्री नंबर 1800-121-3203 जारी किया।
सर्वे सट्टा कैलेंडर एवं पर्ची आदि की समस्या हेतु ई.आर.पी. की सेवा प्रदाता कंपनी एमिटी द्वारा भी गन्ना किसानों हेतु टोल फ्री नंबर 1800-103-5823 की सेवाएं प्रारम्भ।
गन्ना विकास, उन्नतशील गन्ना खेती, कीट रोग बीमारी आदि से संबंधित जानकारी गन्ना किसान भारत सरकार के किसान कॉल सेंटर के टोल फ्री नंबर 1800-180-1551 पर भी कर सकेंगे प्राप्त।
लखनऊ: 07 नवंबर 2020
प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त, श्री संजय आर0 भूसरेड्डी द्वारा बताया गया कि अब गन्ना किसानों को अगर गन्ने से जुड़ी कोई समस्या है तो वह फोन पर ही अपनी शिकायत दर्ज कराकर उसका समाधान पा सकेंगे। इसके लिए विभाग ने प्रदेश भर के लिए टोल फ्री नंबर 1800-121-3203 प्रारंभ किया है साथ ही पर्ची निर्गमन हेतु ई.आर.पी. की सेवा प्रदाता कंपनी एमिटी सॉफ्टवेयर लिमिटेड द्वारा भी कृषकों की शिकायत दर्ज कर समस्याओं के त्वरित निवारण हेतु टोल फ्री नंबर 1800-103-5823 भी प्रारम्भ कर दिया गया है।
इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए श्री भूसरेड्डी द्वारा बताया गया कि उक्त दोनों नंबर 24×7 कार्यरत है। कृषक को यदि सर्वे, सट्टा, कैलेंडर, पर्ची आदि की कोई समस्या है तो वह पहले एमिटी के टोल फ्री नंबर 1800-103-5823 पर कॉल कर अपनी समस्या दर्ज करा सकता है या विभागीय कॉल सेन्टर टोल फ्री नंबर 1800-12132-03 पर भी अपनी समस्या दर्ज करा सकता है। इस पर कॉल करने के बाद कॉल सेन्टर प्रभारी द्वारा किसान की समस्या नोट कर ली जाएगी। कॉल सेन्टर प्रभारी द्वारा किसान का नाम पता किसान कोड एवं ग्राम कोड पूछने के बाद शिकायत संबंधित जिला स्तरीय अधिकारियों एवं संबंधित अधिकारी को ट्रांसफर की जाती है। इसके बाद संबंधित अधिकारी किसान से संपर्क कर शिकायत का निस्तारण करते हैं। शिकायत का निस्तारण होने के बाद कृषक को एसएमएस ेउे द्वारा सूचना दी जाती है तथा गन्ना आयुक्त एवं मुख्यालय के अधिकारियों द्वारा भी प्रतिदिन शिकायतों के निस्तारण का अनुश्रवण भी किया जाता है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि किसान बंधु ई.आर.पी. के वेब पोर्टल ूूूण्बंदनचण्पद अथवा ई-गन्ना एप्प के ळतपमअंदबम त्मकतमेेंस कॉलम में अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैंए जिसका समाधान संबंधित अधिकारी द्वारा निश्चित समयान्तर्गत सुनिश्चित किया जाता है।
उन्होंने यह भी बताया कि यदि गन्ना प्रजाति एवं कीट रोग एवं गन्ना विकास एवं प्रदेश की 126 सहकारी गन्ना विकास समितियों एवं सहकारी चीनी मिल समितियों में स्थापित श्फार्म मशीनरी बैंकश् से मशीन मिलने में या उनमें किराये संबंधी कोई समस्या हो तो किसान विभागीय टोल फ्री नंबर 1800.121.3203 पर शिकायत दर्ज कर अपनी समस्या का त्वरित समाधान पा सकते हैं।
गन्ने की खेती से जुड़ी नवीनतम जानकारियों तथा कीट रोग आदि के रोकथाम उपायों हेतु गन्ना किसान भारत सरकार के किसान कॉल सेंटर टोल फ्री नंबर 1800-180-1551 पर भी कॉल कर कृषि वैज्ञानिकों से अपनी समस्या का निदान पा सकते हैं। उल्लेखनीय है कि इस टोल फ्री नंबर की सहायता से किसान सीधे ज्ञण्टण्ज्ञण् वैज्ञानिकों से जुड़ जाता है तथा सीधे अपनी समस्या का समाधान कर सकता है।
उक्त जानकारी देते हुए श्री भूसरेड्डी ने गन्ना किसानों से आवाह्न किया कि वह अपनी समस्याओं के निदान हेतु तकनीकी का प्रयोग करें जिससे किसानों को दफ्तरों के चक्कर लगाने की भी जरूरत नहीं होगी और उनके आने जाने में लगने वाले समय एवं पैसे की बचत होगी साथ ही कोविड महामारी के प्रसार को रोकने में भी उक्त व्यवस्था सहायक सिद्ध होगी।
सर्वे सट्टा कैलेंडर एवं पर्ची आदि की समस्या हेतु ई.आर.पी. की सेवा प्रदाता कंपनी एमिटी द्वारा भी गन्ना किसानों हेतु टोल फ्री नंबर 1800-103-5823 की सेवाएं प्रारम्भ।
गन्ना विकास, उन्नतशील गन्ना खेती, कीट रोग बीमारी आदि से संबंधित जानकारी गन्ना किसान भारत सरकार के किसान कॉल सेंटर के टोल फ्री नंबर 1800-180-1551 पर भी कर सकेंगे प्राप्त।
लखनऊ: 07 नवंबर 2020
प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त, श्री संजय आर0 भूसरेड्डी द्वारा बताया गया कि अब गन्ना किसानों को अगर गन्ने से जुड़ी कोई समस्या है तो वह फोन पर ही अपनी शिकायत दर्ज कराकर उसका समाधान पा सकेंगे। इसके लिए विभाग ने प्रदेश भर के लिए टोल फ्री नंबर 1800-121-3203 प्रारंभ किया है साथ ही पर्ची निर्गमन हेतु ई.आर.पी. की सेवा प्रदाता कंपनी एमिटी सॉफ्टवेयर लिमिटेड द्वारा भी कृषकों की शिकायत दर्ज कर समस्याओं के त्वरित निवारण हेतु टोल फ्री नंबर 1800-103-5823 भी प्रारम्भ कर दिया गया है।
इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए श्री भूसरेड्डी द्वारा बताया गया कि उक्त दोनों नंबर 24×7 कार्यरत है। कृषक को यदि सर्वे, सट्टा, कैलेंडर, पर्ची आदि की कोई समस्या है तो वह पहले एमिटी के टोल फ्री नंबर 1800-103-5823 पर कॉल कर अपनी समस्या दर्ज करा सकता है या विभागीय कॉल सेन्टर टोल फ्री नंबर 1800-12132-03 पर भी अपनी समस्या दर्ज करा सकता है। इस पर कॉल करने के बाद कॉल सेन्टर प्रभारी द्वारा किसान की समस्या नोट कर ली जाएगी। कॉल सेन्टर प्रभारी द्वारा किसान का नाम पता किसान कोड एवं ग्राम कोड पूछने के बाद शिकायत संबंधित जिला स्तरीय अधिकारियों एवं संबंधित अधिकारी को ट्रांसफर की जाती है। इसके बाद संबंधित अधिकारी किसान से संपर्क कर शिकायत का निस्तारण करते हैं। शिकायत का निस्तारण होने के बाद कृषक को एसएमएस ेउे द्वारा सूचना दी जाती है तथा गन्ना आयुक्त एवं मुख्यालय के अधिकारियों द्वारा भी प्रतिदिन शिकायतों के निस्तारण का अनुश्रवण भी किया जाता है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि किसान बंधु ई.आर.पी. के वेब पोर्टल ूूूण्बंदनचण्पद अथवा ई-गन्ना एप्प के ळतपमअंदबम त्मकतमेेंस कॉलम में अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैंए जिसका समाधान संबंधित अधिकारी द्वारा निश्चित समयान्तर्गत सुनिश्चित किया जाता है।
उन्होंने यह भी बताया कि यदि गन्ना प्रजाति एवं कीट रोग एवं गन्ना विकास एवं प्रदेश की 126 सहकारी गन्ना विकास समितियों एवं सहकारी चीनी मिल समितियों में स्थापित श्फार्म मशीनरी बैंकश् से मशीन मिलने में या उनमें किराये संबंधी कोई समस्या हो तो किसान विभागीय टोल फ्री नंबर 1800.121.3203 पर शिकायत दर्ज कर अपनी समस्या का त्वरित समाधान पा सकते हैं।
गन्ने की खेती से जुड़ी नवीनतम जानकारियों तथा कीट रोग आदि के रोकथाम उपायों हेतु गन्ना किसान भारत सरकार के किसान कॉल सेंटर टोल फ्री नंबर 1800-180-1551 पर भी कॉल कर कृषि वैज्ञानिकों से अपनी समस्या का निदान पा सकते हैं। उल्लेखनीय है कि इस टोल फ्री नंबर की सहायता से किसान सीधे ज्ञण्टण्ज्ञण् वैज्ञानिकों से जुड़ जाता है तथा सीधे अपनी समस्या का समाधान कर सकता है।
उक्त जानकारी देते हुए श्री भूसरेड्डी ने गन्ना किसानों से आवाह्न किया कि वह अपनी समस्याओं के निदान हेतु तकनीकी का प्रयोग करें जिससे किसानों को दफ्तरों के चक्कर लगाने की भी जरूरत नहीं होगी और उनके आने जाने में लगने वाले समय एवं पैसे की बचत होगी साथ ही कोविड महामारी के प्रसार को रोकने में भी उक्त व्यवस्था सहायक सिद्ध होगी।
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