ऐसा तब है जब महज एक बेटी के हाथ पीले करने में कमर टेढ़ी कर लेने वालों के मुकाबले शरद यादव न सिर्फ तमाम बेटियों की शादी का बोझ हंसते हुए उठाने को तैयार हैं बल्कि गरीब बच्चों की पढ़ाई बेसहारों को भोजन और वस्त्र के साथ-साथ तमाम पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाने निकल पड़े हैं। आज शरद के अंदर भविष्य का भगीरथ दिख रहा है।
आगामी दिनों में सामूहिक विवाह के पंडाल में पूरे इक्कीस गरीब बेटियों की शादी रजवाड़ों की भांति कराने जा रहे शरद कार्यक्रम की तैयारियों में शिद्दत से जुटे। अप्रैल में होने वाले इस सामूहिक विवाह समारोह में प्रत्येक दूल्हे को एक एक शानदार रथ पर और दुल्हनों को अलग-अलग डोली में बिठाकर विवाह स्थल तक ले जाया जाएगा। तमाम हाथी और घोड़े शानदार वैवाहिक समारोह की जीनत बनेंगे। इसके लिए शरद यादव के नेतृत्व में प्रभावती कैलाश चैरिटेबल ट्रस्ट के कार्यकर्ता पूरी शिद्दत से जुटे हुए हैं।
शरद का मानना है कि किसी कमजोर, जरूरतमंद या असहाय परिवार की कन्या का विवाह करानें से बढ़कर कोई अन्य पुनीत कार्य नहीं है।
जिले के इस युवा समाजसेवी शरद यादव ने दूसरों की पीड़ा को अपनी पीड़ा समझते हुए पीड़ित मानवता की सेवा का बीड़ा उठाकर अब तक हजारों लोगों को भोजन के लिए राशन सामग्री व वस्त्र के साथ-साथ पर्यावरण के संरक्षण के लिए पौधा भी उपलब्ध कराया है। कोविड-19 से पैदा हुई वैश्विक महामारी के चलते शासन के निर्देश पर लगाए गए लॉक डाउन का पूरी तरीके से पालन करते हुए इस युवा समाजसेवी ने लॉकडाउन के दौरान कई जिले के लोगों को राशन किट वितरित कर एक नई मिसाल भी पेश की है।
*यहां से मिली है प्रेरणा*
अम्बेडकरनगर। समाज के गरीब, असहाय व पीड़ित मानवता का प्रवक्ता बनने की प्रेरणा उन्हें उनके माता-पिता से मिली है। जिन्होंने कभी भी किसी पड़ोसी को भूखे नहीं सोने दिया।छात्र जीवन में ही लोगों के सहयोग की भावना इनके मन में बिरवा के रूप में अंकुरित हुई ।जिसे इनके माता-पिता ने उर्वरता प्रदान की। जो आज विशाल वटवृक्ष का रूप ले रहा है। शरद यादव ने प्रभावती कैलाश चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना भी की है।
अब तक कर चुके हैं यह कार्य
1-जिला मुख्यालय पर पत्थर की मूर्ति और बांस की टोकरी बनाने वाले परिवारों के 26 बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने का पुलिस अधीक्षक के सहयोग से बीड़ा उठाया।
2-रिजर्व पुलिस लाइन में पुलिस के सहयोग से जांच शिविर लगाया
3-बरसात में मकान गिरने से बेघर हुए लोगों को आर्थिक सहायता दी।
4- दिव्यांग नीलेश यादव द्वारा 50 बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने के सपनों को साकार करने के लिए पूरा खर्च उठाया।
5- करीब 10000 गरीब महिलाओं को साड़ी का वितरण किया।
6- अंबेडकरनगर से लखनऊ तक करीब 11000 पौधरोपण किया। 7-लॉकडाउन में हजारों लोगों को राशन किट दिया।
8- रमजान के महीने में रोजेदारों को स्पेशल किट दिया।
9- सैकड़ों गरीबों के इलाज का खर्च उठाया।
10- कई बार स्वयं रक्तदान भी कर चुके हैं
11-अब 11 अप्रैल को सामूहिक विवाह का आयोजन करने जा रहे हैं।
रिपोर्ट-विजय कुमार
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