पेट्रोल के बाद अब अक्टूबर में डीजल की मांग भी कोरोना वायरस महामारी से पहले के स्तर पर आ गयी है। उद्योग जगत के आंकड़ों के अनुसार, डीजल की मांग अक्टूबर महीने में साल भर पहले की तुलना में 6.6 प्रतिशत अधिक रही। यह महामारी की रोकथाम के लिये देश भर में लगाये गये लॉकडाउन के बाद से डीजल की बिक्री में इस साल की पहली सालाना वृद्धि है।
भारत में डीजल सर्वाधिक खपत वाला ईंधन है। महामारी के चलते लोग व्यक्तिगत वाहनों को तरजीह देने लगे हैं। इस कारण पेट्रोल की मांग डीजल की तुलना में बेहतर रही है। हालांकि अक्टूबर के आंकड़ों से उम्मीद से बेहतर वापसी के संकेत मिलते हैं।त्योहारी सीजन के जोर पकड़ते ही डीजल की मांग सामान्य स्तर पर लौट आयी।
डीजल की बिक्री अक्टूबर महीने में साल भर पहले के 57.9 लाख टन से बढ़कर 61.7 लाख टन पर पहुंच गयी। महीने के अंतिम दो सप्ताह में डीजल की मांग में उछाल आया। पहले दो सप्ताह के दौरान डीजल की बिक्री 26.5 लाख टन रही थी। अक्टूबर में सितंबर 2020 के 48.4 लाख टन की तुलना में 27.5 प्रतिशत अधिक बिक्री हुई। पेट्रोल की बिक्री सितंबर में कोविड पूर्व स्तर पर आ गयी थी।
अक्टूबर में पेट्रोल की बिक्री साल भर पहले यानी अक्टूबर 2019 के 22.9 लाख टन से चार प्रतिशत अधिक 23.9 लाख टन रही है। सितंबर 2020 में पेट्रोल की बिक्री 22 लाख टन रही थी। उल्लेखनीय है कि 25 मार्च से लागू लॉकडाउन के कारण भारत में मांग बुरी तरह से प्रभावित हुई थी। अप्रैल में ईंधनों की मांग में 49 प्रतिशत तक की कमी देखने को मिली थी।
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