भीटी अंबेडकरनगर। भीटी तहसील क्षेत्र के थाना भीटी सीएचसी भीटी बीआरसी भीटी प्राइमरी पाठशाला भीटी विद्युत उपकेंद्र पशु अस्पताल जीजीआईसी बना हुआ है लेकिन करीब 35 वर्ष बीत जाने के बाद भी इन सभी जगहों को जाने के लिए आजादी के 70 दशक बीत जाने के बाद भी काली सड़क देखने को नहीं मिली है गर्भवती महिलाओं को आने जाने के लिए भीषण कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है दो-दो फुट गड्ढे में होकर डायल 112 और डायल 102 को आने-जाने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है वहीं विद्युत उपकेंद्र प्राइमरी पाठशाला जीजीआईसी आने जाने के लिए बच्चों को भारी तकलीफ होती है लेकिन 70 दशक के बाद भी इस सड़क का रंग रोगन किसी भी सरकार ने नहीं करवाया भीटी थाने का नवनिर्माण 1995 में वीरेंद्र सिंह राठौर द्वारा कराया गया था तब से आज तक भीटी थाने का कायाकल्प और सड़क का निर्माण नहीं हो सका राजनीतिक पार्टियां तो बड़े-बड़े दावे करते रहे लेकिन पूरा दावा छलावा साबित होता रहा यहां के राहगीर आने जाने वाले बताते हैं कि अरसा गुजर गया काली गिट्टी देखें कई वर्ष वीत गया सीएससी अधीक्षक द्वारा इसकी मांग भी की
गई कि गर्भवती महिलाओं को आने जाने के लिए रास्ता ना होने के कारण काफी तकलीफे का सामना करना पड़ता है लेकिन उनकी मांग का भी कोई असर नहीं पड़ा वही मोटी जीजीआईसी आने के लिए बच्चियों को काफी तकलीफें का सामना करना पड़ रहा है लेकिन फिर भी राजनीतिक पार्टियां कोई ध्यान नहीं दे रही हैं इतने सरकारी आवास बने हुए हैं फिर भी पक्की सड़क मुनासिब नहीं है।
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