जम्मू, ब्यूरो : सीमा सुरक्षा बल कश्मीर फ्रंटियर के महानिरीक्षक (आइजी) राजेश मिश्रा ने कहा कि पाकिस्तान बड़े खूनखराबे की मंशा से 300 आतंकियों को घुसपैठ कराने की फिराक में है। कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर जानमाल का अधिक नुकसान करने की मंशा से आर्टिलरी की बड़ी तोपों का इस्तेमाल कर रहा है। मानवाधिकार संगठनों को कड़ा संज्ञान लेना चाहिए। गत शुक्रवार को उत्तरी कश्मीर में पाक गोलाबारी से रिहायशी क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ था।
वह कश्मीर के नौगाम सेक्टर में पाक गोलाबारी का जवाब देते शहीद हुए बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर राकेश डोभाल को श्रद्धांजलि देते पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। शहीद एसआइ उत्तराखंड के ऋषिकेश जिले के गंगा नगर के निवासी थे। वह बारामुला में नियंत्रण रेखा पर आर्टिलरी में तैनात थे। आइजी बीएसएफ ने कहा कि शहीद एसआइ घायल होने के बाद भी दुश्मन की गोलाबारी का जवाब देते रहे। वह जांबाज अधिकारी थे।
आइजी ने बताया कि पाकिस्तान 120 एमएम तक तोप और अन्य अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है। ये हथियार युद्ध में इस्तेमाल किए जाते हैं। बता देेंं कि 120 एमएम तोप की रेंज अधिक होने के अलावा इसका गोल काफी तबाही मचाता है। बीएसएफ भी पाक गोलाबारी का कड़ा जवाब दे रही हैै। पाक के कई सैन्य, आतंकी शिविरों के साथ कई आयुध डिपो तबाह किए।
पाक गोलाबारी से हमारे रिहायशी इलाकों में नुकसान हुआ। सुरक्षाबल सीमा पार से किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए तैयार है। सीमा पार आतंकवाद को शह देने का बुनियादी ढांचा बरकरार है। इस समय तीन सौ आतंकी घुसपैठ के लिए मौका तलाश रहे हैं। सेना व सीमा सुरक्षाबल इस चुनौती से अच्छी तरह से वाकिफ है। बर्फबारी से घुसपैठ के रास्ते बंद होने से पहले सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ करवाने के लिए कोशिशें होंगी। जवाबी कार्रवाई के लिए वे पूरी तरह से तैयार हैं।
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