लखनऊ: भारत में पत्रकारिता संकट के दौर से गुजर रही है। सच की आवाज को बुलंद करने वाले पत्रकारों पर दिनोंदिन हमले तेज होते जा रहे हैं। भारत को पत्रकारों की सुरक्षा के लिहाज से बेहद खतरनाक देशों की रैंक में रखा गया है।
देश में हर साल सैकड़ों पत्रकार रिपोर्टिंग करते वक्त अपनी जान गंवा देते हैं। न्यूज कवर करते समय पत्रकारों को डराना-धमकाना आम बात हो गई है। लेकिन अब पत्रकारों को इस तरह की धमकियां देने वालों की खैर नहीं। अगर अब किसी ने पत्रकारों से अभद्रता की तो उसे जेल जाना पड़ सकता है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम नरेंद्र मोदी ने घोषणा कर दी है कि जो पत्रकारों से अभद्रतापूर्वक व्यवहार करेगा या धमकाने की कोशिश करेगा उस पर 50 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। साथ ही उसे तीन साल तक की जेल भी हो सकती है, योगी ने कहा कि धमकी के आरोप में गिरफ्तार लोगों को आसानी से जमानत नहीं मिलेगी।
इसलिए पत्रकारों से किसी भी प्रकार की अभद्रता न करें और पत्रकारों को सम्मान दें। पिछले दिनों महाराष्ट्र में मीडियाकर्मियों पर किसी भी तरह की हिंसा या मीडियाकर्मियों एवं मीडिया संस्थानों की संपत्तियों का नुकसान पहुंचाया गया था पत्रकारों पर हमलों के अधिकांश मामले सामने आते ही रहते है।
पिछले साल उत्तर प्रदेश में एक हिन्दी दैनिक के लिए कार्य करने वाले एक पत्रकार की अज्ञात बदमाशों ने बिल्हौर में नगर पालिका बाजार के निकट हत्या कर दी थी। वहीं इस वर्ष अप्रैल में एक टीवी पत्रकार को, दो मोटरसाइकिलों पर सवार होकर आये अज्ञात बदमाशों ने उनके गाजियाबाद के कविनगर स्थित आवास के बाहर गोली मार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। बाद में उनकी मौत हो गई।
सीएम योगी आदित्यनाथ का कहना है कि अगर किसी पत्रकार को किसी भी तरह की परेशानी होती है तो उनसे तुरंत संपर्क करे धमकाने वाले व्यक्ति को 24 घंटे के अंदर जेल भेजा जाएगा।सीएम योगी ने सख्त लहजे में कहा पत्रकारों से मान सम्मान से बात करिए वर्ना आपको महंगा पड़ सकता हैं।
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