गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, लखनऊ और मेरठ समेत 13 जिलों में दीवाली पर पटाखे बैन, बाकी जिलों में सामान्य पटाखे नहीं बिकेंगे 

दिल्ली, महाराष्ट्र और राजस्थान के बाद अब उत्तर प्रदेश के 13 शहरों में राज्य सरकार ने दिवाली पर क्रेकर्स जलाने पर बैन लगा दिया है। इसमें गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, राजधानी लखनऊ और वाराणसी समेत 13 जिले। जिलों में वायु प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) के आदेश के अनुपालन में मुख्य सचिव आरके तिवारी ने आदेश जारी किया है। इन 13 जिलों के अलावा बाकी जिलों में केवल ग्रीन पटाखे बेचे और जलाए जा सकेंगे। बैन का आदेश 30 नवंबर तक लागू रहेगा। इसके बाद समीक्षा होगी।

बीते एक सप्ताह में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में AQI 201 से 301 के बीच रहा है। इसके अलावा आगरा, वाराणसी, मेरठ, हापुड़ में 301 से 400 तक एक AQI है। गाजियाबाद, कानपुर, लखनऊ, मुरादाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, बागपत, बुलंदशहर में सबसे ज्यादा प्रदूषण है। यहां तो AQI 400 से अधिक है। एनजीटी के आदेश के अनुपालन में यूपी सरकार के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने प्रदेश के सभी मंडलायुक्त, पुलिस आयुक्त लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर के कमिश्नर, सभी डीएम-एसएसपी को NGT के आदेशों का पालन करवाने को है।

आपको बता कि एनजीटी ने आदेश में कहा है कि देश के जिन राज्यों में एम्बिएंट एयर क्वालिटी खराब की श्रेणी में है, उन राज्यों और शहरों में भी 9 नवंबर की आधी रात से लेकर 30 नवंबर की आधी रात तक पटाखों के इस्तेमाल व बिक्री पर बैन रहेगा। जिन शहरों में एयर क्वालिटी मॉडरेट है, वहां सिर्फ ग्रीन पटाखे ही बेचे जा सकते हैं। इस बैन की शुरुआत ओडिशा और राजस्थान से हुई है। इसके बाद दिल्ली सरकार ने इसे लागू किया था। ग्रीन पटाखों से मतलब यहां डिजिटल, लेजर आदि तकनीकी का प्रयोग कर दिवाली मनाने से हैं।

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