मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद ने
निर्यात नीति उ0प्र0 2020-25 के प्रख्यापन का निर्णय लिया
पहली बार इतनी विस्तृत निर्यात नीति का प्रख्यापन
हस्तशिल्प, कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद, इंजीनियरिंग गुड्स, हैण्डलूम एण्ड टेक्सटाइल,
निर्यात नीति उ0प्र0 2020-25 के प्रख्यापन का निर्णय लिया
पहली बार इतनी विस्तृत निर्यात नीति का प्रख्यापन
हस्तशिल्प, कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद, इंजीनियरिंग गुड्स, हैण्डलूम एण्ड टेक्सटाइल,
चर्म उत्पाद, कालीन एवं दरियां, ग्लास एवं सिरेमिक उत्पाद, काष्ठ उत्पाद, स्पोट्र्स गुड्स,
रक्षा उत्पाद, सेवा क्षेत्र, शिक्षा, पर्यटन, आई0टी0 एवं आई0टी0ई0एस0, मेडिकल वेल्यू ट्रेवल्स
तथा लॉजिस्टिक्स निर्यात नीति के फोकस क्षेत्र
नीति के उद्देश्यों में ‘मेक इन उ0प्र0, मेक इन इण्डिया’ के ब्राण्ड का
विकास एवं प्रोत्साहन, B2B Exchange की स्थापना, भौगोलिक संकेतक
तथा लॉजिस्टिक्स निर्यात नीति के फोकस क्षेत्र
नीति के उद्देश्यों में ‘मेक इन उ0प्र0, मेक इन इण्डिया’ के ब्राण्ड का
विकास एवं प्रोत्साहन, B2B Exchange की स्थापना, भौगोलिक संकेतक
(Geographical Indication) पंजीयन प्राप्त करने में सहयोग करना शामिल
प्रत्येक जनपद में क्लस्टर आधारित विशेष आर्थिक परिक्षेत्र में विकसित की जाने वाली अवस्थापना सुविधाओं का
विकास कार्य उ0प्र0 निर्यात अवस्थापना विकास योजना हेतु प्राविधानित धनराशि से वित्त पोषित किया जाएगा
कृषकों की आय को दोगुना करने तथा कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से निर्यात प्रोत्साहन नीति उन सभी अवयवों को अंगीकृत कर सकेगी, जो उ0प्र0 कृषि प्रोत्साहन नीति से अनाच्छादित है
कृषकों की आय को दोगुना करने तथा कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से निर्यात प्रोत्साहन नीति उन सभी अवयवों को अंगीकृत कर सकेगी, जो उ0प्र0 कृषि प्रोत्साहन नीति से अनाच्छादित है
लखनऊ: 25 नवम्बर, 2020
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद ने निर्यात नीति उत्तर प्रदेश 2020-25 के प्रख्यापन का निर्णय लिया है। पहली बार इतनी विस्तृत निर्यात नीति का प्रख्यापन किया जा रहा है।
नीति का उद्देश्य निर्यात के क्षेत्र में विकास एवं प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना, निर्यात सहायक संस्थाओं को निर्यात सम्बन्धी आवश्यक सहायता व सेवा प्रदान करना, राज्य से निर्यात में वृद्धि हेतु तकनीकी एवं भौतिक अवसंरचनाओं की स्थापना एवं विकास, निर्यात को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उद्योगों के निर्यात सामथ्र्य के विकास हेतु आवश्यक समर्थन प्रदान करना, स्थानीय/देश में निर्मित उत्पादों हेतु वैश्विक बाजार में उपलब्ध अवसरों का चिन्हांकन करना तथा निर्यात सम्बन्धी सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं को अंगीकृत करते हुए क्षमता विकास को प्रोत्साहित करना है।
नीति में निर्धारित उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु विस्तृत क्रियान्वयन रणनीति बनायी गई है। क्रियान्वयन रणनीति के अन्तर्गत निर्यात प्रक्रिया का सरलीकरण-एकल खिड़की प्रणाली के माध्यम से प्रक्रियात्मक औपचारिकताओं को कम करते हुए राज्य के विभिन्न विभागों के निर्यात सम्बन्धी प्रपत्रों के शीघ्र निस्तारण और निर्यातकों की समस्याओं के निवारण में निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो द्वारा समन्वयक की भूमिका निभाना, ‘मेक इन उ0प्र0, मेक इन इण्डिया’ के ब्राण्ड का विकास एवं प्रोत्साहन, निर्यात योग्य उत्पादों हेतु भौगोलिक संकेतक (Geographical Indication) पंजीयन प्राप्त करने में सहयोग करना, निर्यात की प्रबल सम्भावनाओं वाले जनपदों के उत्पाद एवं सेवाओं को चिन्ह्ति करते हुए उनके निर्यात प्रोत्साहन हेतु उत्पादकों एवं सेवा प्रदाताओं की क्षमता विकास तथा प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना, B2B Exchange की स्थापना, जिससे राज्य के लघु एवं छोटे उद्यमी भी आॅनलाइन व्यापारिक सुविधा का लाभ ले सकेंगे, सेवा क्षेत्र से निर्यात बढ़ाने हेतु विशेष प्रावधान किया जाना, उ0प्र0 में निर्यात तथा निर्यातकों हेतु एक विश्लेषणात्मक डाटाबेस का निर्माण, ‘जिला निर्यात बन्धु’ की बैठक का प्रत्येक त्रैमास में आयोजन आदि रणनीतियां सम्मिलित हंै।
निर्यात नीति उत्तर प्रदेश 2020-25 के फोकस क्षेत्र हस्तशिल्प, कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद, इंजीनियरिंग गुड्स, हैण्डलूम एण्ड टेक्सटाइल, चर्म उत्पाद, कालीन एवं दरियां, ग्लास एवं सिरेमिक उत्पाद, काष्ठ उत्पाद, स्पोट्र्स गुड्स, रक्षा उत्पाद, सेवा क्षेत्र, शिक्षा, पर्यटन, आई0टी0 एवं आई0टी0ई0एस0, मेडिकल वेल्यू ट्रेवल्स तथा लॉजिस्टिक्स हैं। निर्यात नीति उ0प्र0 2020-25 के क्रियान्वयन सम्बन्धी कार्य उ0प्र0 निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो 8, कैण्ट रोड, कैसरबाग, लखनऊ (UPEPB) द्वारा सम्पादित किए जाएंगे।
निर्यात नीति 2020-25 के अन्तर्गत पात्र इकाइयों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं तथा अन्य आनुषांगिक क्रिया-कलापों पर होने वाला व्यय बजट में प्राविधानित धनराशि की सीमा के अन्तर्गत रखा जाएगा। प्रदेश के प्रत्येक जनपद में क्लस्टर आधारित विशेष आर्थिक परिक्षेत्र में विकसित की जाने वाली अवस्थापना सुविधाओं का विकास कार्य उ0प्र0 निर्यात अवस्थापना विकास योजना हेतु प्राविधानित धनराशि से वित्त पोषित किया जाएगा।
निर्यात नीति 2020-25 द्वारा कृषकों की आय को दोगुना करने तथा कृषि क्षेत्र से निर्यात को बढ़ाया दिए जाने के उद्देश्य से उन सभी अवयवों को अंगीकृत कर सकेगी। उ0प्र0 सरकार द्वारा कृषि आधारित निर्यात को बढ़ावा देने तथा कृषकों की आय को दोगुना करने के उद्देश्य से उ0प्र0 कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 घोषित की गई है। उ0प्र0 निर्यात प्रोत्साहन नीति 2020-25 कृषकों की आय को दोगुना करने तथा कृषि क्षेत्र से निर्यात को बढ़ावा दिए जाने के उद्देश्य से उन सभी अवयवों को अंगीकृत कर सकेगी, जो उ0प्र0 कृषि प्रोत्साहन नीति से अनाच्छादित है।
नीति के अनुसार पशु क्रय-विक्रय हेतु ई-हाट पोर्टल विकसित किया जाएगा। खाद्य प्रसंस्करण से सम्बन्धित निर्यातक इकाइयों द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय गुणवत्ता सुनिश्चित किए जाने हेतु विशेष सेवाओं के हायर किए जाने पर वित्तीय सहायता का प्राविधान नीति में किया गया है। प्रदेश में प्राकृतिक एवं मानवीय संसाधनों की उपलब्धता तथा अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में उपलब्ध अवसरों, प्रदेश में विद्यमान सम्भावनाओं का उपयोग, युवाओं को रोजगार सृजन, निर्यात की दिशा में त्वरित वृद्धि, प्रदेश में निर्यात परक, प्रोत्साहन वातावरण का सृजन इत्यादि के उद्देश्य से उ0प्र0 निर्यात नीति 2020-25 के प्रख्यापन का निर्णय लिया गया है।
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