बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पूरी ताकत झोंक दी है। इस सिलसिले में बीजेपी के फायरब्रांड नेता व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) मंगलवार को बिहार में अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत कर रहे हैं। वे मंगलवार की सुबह लखनऊ से बिहार पहुंचेंगे। पहले चरण के मतदान वाली सीब्टों के लिए उनकी दो दिनों में छह रैलियां होनी हैं। मंगलवार को पहले दिन 12 बजे के बाद वे कैमूर में अपने प्रचार अभियान की शुरुआत करेंगे। योगी की रैली को देखेत हुए सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। ऐसा खासकर इसलिए कि बिहार चुनाव के दौरान बड़े नेताओं की रैलियों के दौरान हमले की साजिश की जानकारी मिली है। बताया जा रहा है कि पूरे चुनाव में उनकी 18 रैलियां हाेने वाली हैं। केंद्रीय नेताओंं को छोड़ दें तो सर्वाधिक रैलियां उनकी ही हैं। बिहार में उनके प्रभाव को देखते हुए पार्टी उनका भरपूर उपयोग करना चाहती है।
सीमावर्ती बिहार में है बड़ा प्रभाव, जानिए वजह
बीजेपी नेता मानते हैं कि कोरोना काल में दिल्ली-यूपी सीमा पर फंसे करीब 30 लाख प्रवासी कामगारों को योगी आदित्यनाथ ने ही सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाया था, जिनमें बिहार के लोग भी बड़ी संख्या में थे। यूपी के देवरिया से लेकर कुशीनगर तक सीमा पार बिहार के सिवान, छपरा, गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण जैसे जिले गोरखपुर से कई मामलों में जुड़े हुए हैं। सीमावर्ती बिहार के छात्र गोरखपुर में पढ़ाई करते हैं तो वहां के लोगों के लिए इलाज और कारोबार का भी बड़ा केंद्र गोरखपुर ही है। गोरक्षा पीठ से भी लोगों का आध्यात्मिक जुड़ाव रहा है। इन कारणों से योगी आदित्यनाथ का बिहार के खास इलाकों में बड़ा प्रभाव है। अपनी प्रखर हिंदुत्ववादी छवि की वजह से तो उन्हें अन्य जिलों में भी पसंद किया जाता है। योगी आदित्यनाथ के प्रभाव को बीजेपी वोटों में तब्दील कराना चाहती है।
बिहार में 18 रैलियां होने की चर्चा
योगी आदित्यनाथ के बिहार में 20 और 21 अक्टूबर के दो दिवसीय दौरे में कुल छह रैलियां होनी तय हो चुकी हैं। योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार मृत्युंजय कुमार के अनुसार बिहार में उनकी 18 रैलियां हो सकती हैं।
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