नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए जेवर में दूसरे चरण के लिए जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई जल्द शुरू की जाएगी। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) अगले माह जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजेगी। 36 सौ हेेक्टेयर जमीन दो चरण में अधिगृहीत की जाएगी। पहले 1800 हेक्टेयर जमीन अधिगृहीत होगी। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण के लिए छह गांव की 1334 हेक्टेयर जमीन अधिगृहीत हो चुकी है। विकासकर्ता कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी अगले छह माह में एयरपोर्ट का निर्माण कार्य शुरू करेगी। पहले चरण में दो रनवे प्रस्तावित हैं। 2023 में नोएडा एयरपोर्ट से हवाई सेवाओं की शुरुआत हो जाएगी।
गौरतलब है कि यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में एयरपोर्ट के लिए आरक्षित पांच हजार हेक्टेयर जमीन में से शेष 3600 हेक्टेयर के अधिग्रहण की रूपरेखा भी तैयार हो गई है। प्रदेश सरकार जमीन अधिग्रहण के लिए पहले ही नियाल को दो हजार करोड़ रुपये आवंटित कर चुकी है। शेष रकम नियाल में हिस्सेदार नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण को अपनी अंश धारिता के हिसाब से जुटानी होगी। जमीन अधिग्रहण पर करीब साढ़े चार हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।
3600 हेक्टेयर जमीन 1800-1800 हेक्टेयर के दो चरण में अधिगृहीत की जाएगी। 1800 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण से आठ गांव प्रभावित होंगे। इसमें चार आंशिक व चार गांव की पूरी जमीन अधिगृहीत होगी। इस जमीन पर एक रनवे व हवाई जहाज की ओवरहालिंग, मेंटेनेंस, रिपेयर एमआरओ आदि की गतिविधियां होंगी। नियाल की योजना एयरपोर्ट के साथ साथ नोएडा एयरपोर्ट को एमआरओ का बड़ा केंद्र बनाने की भी है।
नोएडा एयरपोर्ट का संचालन शुरू होने के बाद विस्तार के लिए जमीन जुटाना बड़ी चुनौती होगी। एयरपोर्ट के नजदीक होने के कारण किसान अधिक मुआवजे की मांग करेंगे। वहीं भूमाफिया जमीन पर अतिक्रमण कर एयरपोर्ट की विस्तार योजना में अड़चन डाल सकते हैं। इसलिए दूसरे चरण के लिए जमीन का अधिग्रहण अभी करने की योजना है।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए आरक्षित शेष जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इसका प्रस्ताव अगले माह जिला प्रशासन को भेजा जाएगा। शेष जमीन दो चरण में अधिगृहीत की जाएगी।
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