वाराणसी / रामनगर  में नवरात्र के दौरान अलग अलग नौ देवियों के दर्शन पूजन की मान्‍यता है। शहर में अलग अलग नौ देवियों के मंदिर स्‍थापित हैं। शारदीय नवरात्र की अष्टमी तिथि पर देवी दुर्गा के महागौरी स्वरूप के दर्शन और पूजन का मान है। इस बार देवी का दर्शन और पूजन 24 अक्टूबर, शनिवार को हो रहा है  

हिंदू धर्म ग्रंथों में भी देवी की महिमा का वर्णन करते हुए कहा गया है कि इस स्वरुप के दर्शन मात्र से ही पूर्व रूप से पाप नष्ट हो जाते हैं। देवी की साधना करने वालों को समस्त प्रकार के अलौकिक सिद्धियां और शक्तियां प्राप्त होती हैं। मान्‍यता है कि पति के रुप में भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तप करने के कारण देवी कृष्ण वर्ण की हो गई थी लेकिन भगवान शिवजी ने गंगाजल से देवी की कांति को वापस लौटा दिया, इस प्रकार देवी को महागौरी का नाम मिला

मंत्र से साधना : देवी महागौरी की स्‍तुति 'ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडाय विच्चै' मंत्र से करने का विधान है। इसके साथ ही देवी की पूजा और आराधना करने का अष्‍टमी पर मान्‍यता है।

मान्‍यता : शास्त्रीय मान्यता है कि महागौरी न्याय प्रिय हैं, इनका दर्शन और पूजन के साथ मंत्र जप करते हुए ध्यान करने से संकटों से मुक्ति मिलती है।
आज का संदेश : देवी का महागौरी स्वरूप में विपरीत परिस्थितियों में धैर्य धारण करने का संदेश देता है।

कान्हा शर्मा
गौरी शर्मा
समस्त शर्मा परिवार

हिन्दी संवाद के लिए श्री अभिषेक शर्मा की रिपोर्ट

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