शारदीय नवरात्र के 4 दिन सोमवार को मां विंध्यवासिनी के दरबार में श्रद्धा का सैलाब उमड़ा। देश के कोने-कोने से आए भक्तों ने माता दरबार में मत्था टेका। मंदिर परिसर में भोर से देर रात तक मां विंध्यवासिनी के जयकारे गूंजते रहे।
मां विंध्यवासिनी के दरबार में मंगलवार की सुबह की अपेक्षा दोपहर में राजश्री आरती के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। गलियों में लंबी कतारें लग रहीं हैं। मां विंध्यवासिनी के दरबार में भोर में मंगला आरती के उपरांत शुरू हुआ दर्शन-पूजन का सिलसिला देर रात तक चलता रहता है। देवी का दर्शन-पूजन करने से पहले श्रद्धालु पतित पावनी मां गंगा में डुबकी लगा रहे हैं।
इसके बाद विंध्य धाम की गलियों में सजी दुकानों पर से माला-फूल, नारियल-चुनरी, लाचीदाना-रक्षा, सिंदूर-कपूर आदि लेकर लोग विंध्यधाम पहुंचे जहां मां विंध्यवासिनी का विधिवत दर्शन-पूजन कर रहे हैं। सुबह और शाम के समय विंध्यधाम में हर तरफ सिर्फ श्रद्धा और श्रद्धालुओं की भीड़ ही नजर आती है। मां विंध्यवासिनी माता के दर्शन पूजन करने के लिए आए भक्तों को थर्मल स्कैनिंग मास्क सैनिटाइजर एवं सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान में रखते हुए श्रद्धालुओं को सुगम सुलभ दर्शन पूजन मुहैया कराई जा रही है। विंध्यधाम में दर्शन-पूजन के उपरांत बड़ी संख्या में भक्तजन नंगे पाव ही पैदल परिक्रमा कर अष्टभुजा, काली खोह, तारा देवी एवं भैरव बाबा मंदिर की ओर निकल रहे हैं।
मां विंध्यवासिनी के दरबार में मंगलवार की सुबह की अपेक्षा दोपहर में राजश्री आरती के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। गलियों में लंबी कतारें लग रहीं हैं। मां विंध्यवासिनी के दरबार में भोर में मंगला आरती के उपरांत शुरू हुआ दर्शन-पूजन का सिलसिला देर रात तक चलता रहता है। देवी का दर्शन-पूजन करने से पहले श्रद्धालु पतित पावनी मां गंगा में डुबकी लगा रहे हैं।
इसके बाद विंध्य धाम की गलियों में सजी दुकानों पर से माला-फूल, नारियल-चुनरी, लाचीदाना-रक्षा, सिंदूर-कपूर आदि लेकर लोग विंध्यधाम पहुंचे जहां मां विंध्यवासिनी का विधिवत दर्शन-पूजन कर रहे हैं। सुबह और शाम के समय विंध्यधाम में हर तरफ सिर्फ श्रद्धा और श्रद्धालुओं की भीड़ ही नजर आती है। मां विंध्यवासिनी माता के दर्शन पूजन करने के लिए आए भक्तों को थर्मल स्कैनिंग मास्क सैनिटाइजर एवं सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान में रखते हुए श्रद्धालुओं को सुगम सुलभ दर्शन पूजन मुहैया कराई जा रही है। विंध्यधाम में दर्शन-पूजन के उपरांत बड़ी संख्या में भक्तजन नंगे पाव ही पैदल परिक्रमा कर अष्टभुजा, काली खोह, तारा देवी एवं भैरव बाबा मंदिर की ओर निकल रहे हैं।
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