उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने आज लखनऊ में अपने सरकारी आवास पर सही शिक्षको की नियुक्ति पत्र वितरण की कार्यवाही प्रारम्भ की है | अब जल्द ही 3317 सहायक शिक्षको को अपनी सेवा देने का अवसर प्राप्त हो जायेगा |
लखनऊ: 23 अक्टूबर, 2020
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि सकारात्मक ऊर्जा और उत्साह समाज की ताकत होती है। यह निरन्तर हम सभी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। वर्तमान राज्य सरकार के विगत साढ़े तीन वर्ष के कार्यकाल में व्यापक परिवर्तन हुआ है। इस अवधि में राजकीय सेवाओं हेतु 03 लाख से अधिक युवाओं का चयन कराया गया है। युवाओं के चयन की प्रक्रिया बिना किसी भेदभाव के पूरी शुचिता, पारदर्शिता व निष्पक्षता से सम्पन्न हुई है। मिशन रोजगार के तहत भर्ती की प्रक्रिया ने गति पकड़ ली है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पूर्व बेसिक शिक्षा परिषद के अन्तर्गत 31,277 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया गया था। आज माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा 3,317 नव चयनित सहायक अध्यापकों के पदस्थापन एवं नियुक्ति पत्र वितरण का शुभारम्भ किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर मिशन रोजगार के अन्तर्गत राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, प्रयागराज द्वारा चयनित 3,317 सहायक अध्यापकों के निष्पक्ष एवं पारदर्शी आॅनलाइन पदस्थापन एवं नियुक्ति पत्र वितरण की कार्यवाही का शुभारम्भ करने के उपरान्त कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर उन्होंने चयनित 05 सहायक अध्यापकों सुश्री ज्योति शर्मा, सुश्री कीर्ति वर्मा, मोहम्मद अखलाख, श्री संदीप कुमार सिंह तथा सुश्री सुमित्रा देवी को प्रतीकात्मक नियुक्ति पत्र प्रदान किया।
मुख्यमंत्री जी ने समारोह के दौरान माध्यमिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक के पद पर चयनित जनपद मेरठ के श्री जगमोहन सिंह, जनपद वाराणसी की सुश्री मनीषा, गोरखपुर की सुश्री निकहत परवीन एवं सुश्री हेमप्रभा, जनपद प्रयागराज की श्रीमती स्मिता जायसवाल एवं श्री मनीष कुमार मिश्रा तथा जनपद झांसी की श्रीमती ज्योति से वर्चुअल माध्यम से संवाद किया। सभी चयनित अभ्यर्थियों और उनके परिजनों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नवरात्रि के पावन पर्व पर आप सभी पर मां भगवती की कृपा हुई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा भेदभाव रहित, पारदर्शी तथा निष्पक्ष चयन की व्यवस्था बनाई गई है। राज्य सरकार का एजेंडा विकास है। विकास हेतु प्रतिबद्ध सरकार होने से चयन की कार्यवाहियां योग्यता के आधार पर सम्पन्न हो रही हैं। निरन्तर सुधार का प्रयास किए जाने से वर्तमान में लोक सेवा आयोग, पुलिस भर्ती बोर्ड सहित सभी चयन आयोगों की भर्ती प्रक्रिया के प्रति अभ्यर्थियों का भरोसा बहाल हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एक शिक्षक द्वारा भी समाज की व्यवस्था में व्यापक परिवर्तन लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज का मार्गदर्शक होता है। उसकी यह भूमिका उसके व्यक्तित्व और आचरण से प्रदर्शित भी होनी चाहिए। उन्होंने चयनित अध्यापकों से नियमित रूप से विद्यालय पहुंचकर वहां पठन-पाठन का वातावरण बनाने तथा शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार लाने के लिए कार्य करने का आहवान किया। आॅपरेशन कायाकल्प के माध्यम से बेसिक शिक्षा परिषद के 90,000 से अधिक स्कूलों में विद्यार्थियों और उनकी शिक्षा सम्बन्धी बुनियादी सुविधाओं में विकास की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 100 दिनांे में स्कूलों में पाइप पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि तकनीक जीवन में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। कोरोना कालखण्ड में तकनीक की ताकत प्रभावी ढंग से सामने आयी है। तकनीक के माध्यम से तेजी से कार्य करना सम्भव हुआ है। साथ ही, विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को सीधे लाभान्वित किया जा सका है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खोले गए बैंक खातों का लाभ कोरोना कालखण्ड में प्राप्त हुआ। 02 करोड़ किसानों को तथा 87 लाख दिव्यांग, निराश्रित महिला, वृद्धावस्था पेंशनधारकों को अग्रिम पेंशन धनराशि, निराश्रित लोगों को भरण-पोषण भत्ते का भुगतान सिर्फ एक क्लिक पर सम्भव हुआ।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बेसिक, माध्यमिक, प्राविधिक आदि शिक्षा विभागों द्वारा तकनीक के सहारे ही आॅनलाइन शिक्षण कार्यक्रम संचालित किया गया। स्कूल काॅलेज बन्द होने के बावजूद विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम को आॅनलाइन शिक्षण के माध्यम से जारी रखा गया। विद्यार्थियों द्वारा भी इस प्रक्रिया में रूचि लिए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि आज शिक्षकों के चयन और पदस्थापन में भी तकनीक का प्रयोग किया गया है। बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के उनकी नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की गई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में लागू की गई नकलविहीन परीक्षा प्रणाली देश के लिए मानक बनी हैं। पूर्व में, माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षाएं लम्बे समय तक चलती रहती थीं। वर्तमान में परिषद द्वारा 12 से 15 दिन में परीक्षाएं सम्पन्न कराकर, बहुत कम समय में परीक्षाफल भी घोषित कर दिया जाता है। प्रदेश का सबसे बड़ा बोर्ड होने के बावजूद सबसे पहले परीक्षा सम्पन्न कराना और परीक्षाफल घोषित करना, माध्यमिक शिक्षा विभाग की सराहनीय उपलब्धि है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा में अनेक सुधार किए गए हैं। मुख्यमंत्री जी की भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से चयन की प्राथमिकता के दृष्टिगत पहली बार बिना साक्षात्कार के लिखित परीक्षा के माध्यम से सहायक अध्यापकों का चयन हुआ है। निष्पक्षता, पारदर्शिता के दृष्टिगत आॅनलाइन पदस्थापन एवं नियुक्ति पत्र वितरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षा विभाग में आॅनलाइन प्रक्रिया को अपनाते हुए अन्य कार्य भी पारदर्शी ढंग से किए जा रहे हैं। विभाग द्वारा कक्षा-09,10,11,12 के विद्यार्थियों को आॅनलाइन शिक्षा भी दी जा रही है।
उप मुख्यमंत्री जी ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत राजकीय हाईस्कूल/इण्टर काॅलेजों में सहायक अध्यापकों (पुरुष/महिला) के 10,768 रिक्त पदों पर चयन हेतु लोक सेवा आयोग, उ0प्र0, प्रयागराज के माध्यम से पद विज्ञापित किये गये थे, जिसमें परीक्षा में सफल पाये गये अभ्यर्थियों में से हिन्दी, सामाजिक विज्ञान एवं कला विषयों को छोड़कर, शेष विषयों के कुल 3,317 अभ्यर्थियों की संस्तुतियां लोक सेवा आयोग से प्रापत हुईं। नियुक्ति प्रक्रिया में प्रथम वरीयता लोक सेवा आयोग से दिव्यांग की श्रेणी में चयनित अभ्यर्थी को दी गयी, जिससे उनको सर्वोच्च वरीयता वाले विद्यालयों में नियुक्ति प्राप्त हुयी।
इसी प्रकार विवाहित महिला अभ्यर्थी जिसका बच्चा आॅटिस्टिक अथवा 40 प्रतिशत दिव्यांग है उनको, जिनके पति/पत्नी भारतीय सेना/वायु सेना/नौ सेना अथवा केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बलों मंे तैनात हंै, विधवा महिला, विधुर पुरुष, जिन्होंने पुनर्विवाह नहीं किया, एकल अभिभावक हैं, जिनके पति/पत्नी बेसिक, माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा के अन्तर्गत आने वाले राजकीय अथवा सहायता प्राप्त विद्यालयांे, परिषदीय विद्यालयों, राज्य/केन्द्रीय विश्वविद्यालयों एवं राजकीय/अर्द्धशासकीय सेवा में कार्यरत हैं, उनको भी पदस्थापन में वरीयता प्रदान की गई है।
उप मुख्यमंत्री जी ने बताया कि आॅनलाइन नियुक्ति/पदस्थापन प्रक्रिया में इसका विशेष ध्यान रखा गया है कि जिन क्षेत्रों में शिक्षकों की अधिक आवश्यकता है वहां योग्य, कर्मठ एवं युवा शिक्षकों की तैनाती की गयी है। महत्वाकांक्षी जनपदों के विद्यालय तथा अन्य जनपदों के ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालय जहां छात्र संख्या के अनुपात में शिक्षकों की संख्या कम है, उनमें नव नियुक्त शिक्षकों को भेजने का यथासम्भव प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि पहली बार नवचयनित अध्यापकों की ट्रेनिंग की व्यवस्था भी की गई है।
कार्यक्रम के अन्त में माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती गुलाब देवी ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा श्रीमती अनुराधा शुक्ला द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव एम0एस0एम0ई0 एवं सूचना श्री नवनीत सहगल, सचिव मुख्यमंत्री श्री आलोक कुमार, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
ज्ञातव्य है कि राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद हेतु चयनित अभ्यर्थियों के लिए पूर्ण पारदर्शी एवं निष्पक्ष प्रक्रिया अपनाते हुए, एन0आई0सी0 के तकनीकी सहयोग से विकसित वेबसाइट के माध्यम से माध्यमिक शिक्षा विभाग के द्वारा पहली बार फोटोयुक्त आॅनलाइन नियुक्ति पत्र/पदस्थापन आदेश निर्गत किया गया है।
मिशन रोजगार के अन्तर्गत मुख्यमंत्री ने राजकीय माध्यमिक विद्यालयों
के लिए चयनित 3,317 सहायक अध्यापकों के निष्पक्ष एवं पारदर्शी
आॅनलाइन पदस्थापन एवं नियुक्ति पत्र वितरण की कार्यवाही का शुभारम्भ किया
मुख्यमंत्री ने चयनित 05 सहायक अध्यापकों को प्रतीकात्मक नियुक्ति पत्र प्रदान किया
मुख्यमंत्री ने माध्यमिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक के पद पर
चयनित विभिन्न जनपदों के अभ्यर्थियों से वर्चुअल माध्यम से संवाद किया
मुख्यमंत्री का चयनित अध्यापकों से नियमित रूप से विद्यालय
पहुंचकर पठन-पाठन का वातावरण बनाने तथा शिक्षा के स्तर
में गुणात्मक सुधार लाने के लिए कार्य करने का आहवान
वर्तमान राज्य सरकार के विगत साढ़े तीन वर्ष में राजकीय
सेवाओं हेतु 03 लाख से अधिक युवाओं का चयन कराया: मुख्यमंत्री
मिशन रोजगार के तहत भर्ती की प्रक्रिया ने गति पकड़ ली है
चयन की प्रक्रिया बिना किसी भेदभाव के पूरी शुचिता, पारदर्शिता व निष्पक्षता से सम्पन्न हुई
विकास हेतु प्रतिबद्ध सरकार होने से चयन की
कार्यवाहियां योग्यता के आधार पर सम्पन्न हो रही हैं
वर्तमान में लोक सेवा आयोग, पुलिस भर्ती बोर्ड सहित सभी
चयन आयोगों की भर्ती प्रक्रिया के प्रति अभ्यर्थियों का भरोसा बहाल हुआ है
शिक्षक समाज का मार्गदर्शक, उसकी यह भूमिका
उसके व्यक्तित्व और आचरण से प्रदर्शित होनी चाहिए
तकनीक जीवन में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है, कोरोना कालखण्ड
में तकनीक की ताकत प्रभावी ढंग से सामने आयी
पहली बार बिना साक्षात्कार के लिखित परीक्षा के माध्यम
से सहायक अध्यापकों का चयन हुआ: डाॅ0 दिनेश शर्मा
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know