हाइपरटेंशन बदलते लाइफस्टाइल से पनपने वाली ऐसी बीमारी है जो किसी को भी अपनी गिरफ्त में ले सकती है। हाइपरटेंशन और हाई बल्डप्रेशर को कंट्रोल नहीं किया जाए तो स्वास्थ्य संबंधित कई समस्याएं जैसे हार्ट अटैक या स्ट्रॉक का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी है या फिर जिन लोगों का ब्लड प्रेशर घटता बढ़ता रहता है उन लोगों को लगातार अपना ब्लडप्रेशर मापने की जरूरत होती है।

जो लोग हाई ब्लड प्रेशर के शिकार है उन्हें ये पता होना चाहिए कि ब्लड प्रेशर चैक करने के लिए आइडियल टाइम कौन सा है। ब्लड प्रेशर चेक आप डॉक्टर के पास जाकर कराएं या खुद घर में चेक करें, स्टीक ब्लड प्रेशर चेक करने के लिए आपकी शारीरिक गतिविधि, आपके खाने का समय, आपकी दिनचर्या अहम रोल निभाती है।

रीडिंग को कैसे समझें:

ब्लड प्रेशर मापने से पहले आपको ये पता होना चाहिए कि नॉर्मल ब्लड प्रेशर क्या है, और हाई ब्लड प्रेशर क्या है। ब्लड प्रेशर मापने के लिए दो नंबर होते हैं सिस्टोलिक (ऊपर का) और डायस्टॉलिक (नीचे का)। ब्लड प्रेशर को पारा के मिलीमीटर में मापा जाता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक ब्लड प्रेशर की पांच श्रेणियां होती है।
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Blood Pressure Reading: हाइपरटेंशन और ब्लड प्रेशर को मैनेज करने के लिए इन बातों का रखें ख्याल, जानिए खास बातें
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वर्कआउट करने के बाद या फिर धूम्रपान करने के बाद ब्लड प्रेशर चेक नहीं करें।
Publish Date:Wed, 21 Oct 2020 03:03 PM (IST)Author: Shilpa Srivastava
Blood Pressure Reading जो लोग हाई ब्लड प्रेशर के शिकार है उन्हें ये पता होना चाहिए कि ब्लड प्रेशर चैक करने के लिए आइडियल टाइम कौन सा है। स्टीक ब्लड प्रेशर चेक करने के लिए आपकी शारीरिक गतिविधि आपके खाने का समय आपकी दिनचर्या अहम रोल निभाती है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। हाइपरटेंशन बदलते लाइफस्टाइल से पनपने वाली ऐसी बीमारी है जो किसी को भी अपनी गिरफ्त में ले सकती है। हाइपरटेंशन और हाई बल्डप्रेशर को कंट्रोल नहीं किया जाए तो स्वास्थ्य संबंधित कई समस्याएं जैसे हार्ट अटैक या स्ट्रॉक का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी है या फिर जिन लोगों का ब्लड प्रेशर घटता बढ़ता रहता है उन लोगों को लगातार अपना ब्लडप्रेशर मापने की जरूरत होती है।

जो लोग हाई ब्लड प्रेशर के शिकार है उन्हें ये पता होना चाहिए कि ब्लड प्रेशर चैक करने के लिए आइडियल टाइम कौन सा है। ब्लड प्रेशर चेक आप डॉक्टर के पास जाकर कराएं या खुद घर में चेक करें, स्टीक ब्लड प्रेशर चेक करने के लिए आपकी शारीरिक गतिविधि, आपके खाने का समय, आपकी दिनचर्या अहम रोल निभाती है।

रीडिंग को कैसे समझें:

ब्लड प्रेशर मापने से पहले आपको ये पता होना चाहिए कि नॉर्मल ब्लड प्रेशर क्या है, और हाई ब्लड प्रेशर क्या है। ब्लड प्रेशर मापने के लिए दो नंबर होते हैं सिस्टोलिक (ऊपर का) और डायस्टॉलिक (नीचे का)। ब्लड प्रेशर को पारा के मिलीमीटर में मापा जाता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक ब्लड प्रेशर की पांच श्रेणियां होती है।

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ब्लड प्रेशर की श्रेणियाँ:

सामान्य ब्लड प्रेशर

120/80 मिमी एचजी से कम ब्लड प्रेशर को सामान्य माना जाता है।

एलिवेटिड

यह स्थिति तब होती है, जब रीडिंग लगातार 120−129 सिस्टोलिक और 80 मिमी एचजी डायस्टोलिक से कम होती है। इस तरह की रीडिंग जिन लोगों में लगातार आती है, उन्हें उच्च हाई ब्लड प्रेशर होने की संभावना रहती है।

हाई ब्लड प्रेशर चरण- 1

उच्च रक्तचाप चरण 1 तब होता है जब रक्तचाप लगातार 130−139 सिस्टोलिक या 80−89 मिमी एचजी डायस्टोलिक से होता है।

हाई ब्लड प्रेशर चरण- 2

हाई ब्लड प्रेशर चरण-2 तब होता है जब रक्तचाप लगातार 140/90 मिमी एचजी या अधिक होता है।

आखिरी स्टेज

यदि ब्लड प्रेशर की रीडिंग 180/120 मिमी एचजी से अधिक हो तो ये रिडिंग आपके लिए परेशान करने वाली हो सकती है। तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
डॉक्टर के पास जाएं या घर में करें ब्लड प्रेशर चेक:

अलग-अलग समय में ब्लड प्रेशर माप कर ब्लडप्रेशर की स्थिति का बेहतर मूल्यांकन किया जा सकता है। ब्लड प्रेशर चेक कराने के लिए डॉक्टर अलग-अलग समय आकर बीपी चेक कराने के कहते हैं, इसलिए ज्यादातर लोग डॉक्टर के पास बार-बार जा कर बीपी चेक कराने से बेहतर घर में ही बीपी चेक करना ज्यादा सुविधाजनक समझते हैं।
ब्लड प्रेशर की सही जाँच कैसे करें

ब्लड प्रेशर चेक करने का कोई आदर्श समय नहीं है, क्योंकि आपका ब्लड प्रेशर समय और शरीरिक गातिविधियों के मुताबिक घटता बढ़ता रहता है। मायने ये रखता है कि कैसे ब्लड प्रेशर मापा जाए।

दिन में दो बार करें ब्लड प्रेशर चेक:

हमारा ब्लड प्रेशर सुबह सबसे कम होता है, और दिन में 30 फीसदी तक इसका स्तर बदलता रहता है। ये बदलाव हार्मोनल चेंजेस, शरीरिक गतिविधि और खान-पान की वजह से आता है। इसलिए जरूरी है कि ब्लड प्रेशर दिन में दो बार नोट करें।
कुछ ध्यान देने योग्य बातें:


शेड्यूल सेट करें: शेड्यूल सेट करने का मतलब है रोजाना एक ही समय पर ब्लड प्रेशर नोट करें। एक रूटीन तय करें और उसका पालन करें।
एक समय में कई रीडिंग लें। एक रीडिंग के आधार पर निष्कर्ष पर न आएं। औसत दर का मूल्यांकन करने के लिए एक समय में 2-3 रीडिंग लेने से सही ब्लड प्रेशर का पता लगता है।
ब्लड प्रेशर नोट करने से पहले ध्यान रखें कि आप वॉक करने के बाद ब्लड प्रेशर नोट नहीं करें। वॉक के बाद ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव रहता है।
रीडिंग लेने से कम से कम 30 मिनट पहले व्यायाम, धूम्रपान, कैफीन का सेवन या हैवी भोजन न करें। ये सभी चीजें आपके ब्लड प्रेशक को बढ़ा सकती हैं।
ब्लड प्रेशर खड़े होकर चेक नहीं करें। खड़े होने पर रिडिंग में बदलाव आ सकता है। ब्लड प्रेशर चेक करने पर हाथ को हिलाएं नहीं बल्कि सीधा रखें।
ब्लड प्रेशर मशीन की सही तरह से जांच करें। कई डिजिटल मशीनें अलग-अलग रीडिंग दिखाती हैं। इसलिए, अपने लिए सही ब्लड प्रेशर रीडर मशीन ही खरीदें। ध्यान रखें कि डॉक्टर से सलाह के मुताबिक ही मशीन खरीदें।

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