लखनऊ: 06अक्टूबर, 2020
पारदर्शी और स्वच्छ प्रशासन तथा निर्माण कार्यों, सेवाओं/जॉब-वर्क एवं सामग्री के क्रय में प्रतिस्पद्र्धा सुनिश्चित कराये जाने तथा टेण्डरिंग प्रक्रिया में असामाजिक तत्वों के हस्तक्षेप को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए सभी शासकीय विभागों इत्यादि में ई-टेण्डरिंग प्रणाली लागू की गई है। ई.टेण्डरिंग प्रणाली लागू किये जाने के पश्चात वित्तीय वर्ष 2017-18 में 1.95 लाख करोड़ रुपए की 1,87,875 निविदायें तथा वित्तीय वर्ष 2018-19 में 1.78 लाख करोड़ रुपए की 2,32,688 निविदायें आमंत्रित की गईं थीं। पुनः वित्तीय वर्ष 2019-20 में 1.20 लाख करोड़ रुपए की 1,77,203 निविदायें आमंत्रित की गई हैं।
अपर मुख्य सचिव सूचना प्रौद्योगिकीएवंइलेक्ट्रॉनिक्स श्री आलोक कुमार ने यह जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 में 90523.49 करोड़ रुपए की 84340 निविदायें आमंत्रित की गई हैं। टेण्डरिंग प्रक्रिया में असामाजिक तत्वों के हस्तक्षेप को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए ई-टेण्डरिंग प्रणाली के अन्तर्गत निविदा शुल्क तथा धरोहर धनराशि की ऑनलाइन प्राप्ति और भुगतान की व्यवस्था लागू की गई है। लोक निर्माण विभाग, ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग तथा सिंचाई विभाग में पूर्ण रूप से यह व्यवस्था लागू कर दी गई है।
श्री आलोक कुमार ने बताया कि ई-टेण्डरिंग प्रणाली लागू किये जाने के फलस्वरूप जहां टेण्डरिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता आई है वहीं विभागों को धन, जनशक्ति तथा समय के रूप में भी प्रचुर बचत हो रही है। उन्होंने बताया कि अप्रैल 2017 से मार्च 2018 के मध्य इलेक्ट्रानिक टेण्डरिंग करने वाली प्रदेश सरकारों से उत्तर प्रदेश सरकार को सर्वात्तम परफार्मेन्स के लिए बेस्ट परफारमेन्स अवार्ड से पुरस्कृत किया गया है।
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