संयुक्त राष्ट्र संघ के आवाहन पर विकास के विभिन्न आयामों को सम्मिलित करते हुए नीति आयोग भारत सरकार द्वारा निर्धनता उन्मूलन, भुखमरी समाप्ति, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला समानता, पर्यावरण सुरक्षा आदि 17 सत्त विकास लक्ष्यों का निर्धारण किया गया है। इन लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु प्रदेश में वर्ष 2022, 2024 व वर्ष 2030 हेतु रणनीति तैयार की गयी है। यह जानकारी ग्राम्य विकास एवं समग्र ग्राम्य विकास मंत्री श्री राजेन्द्र प्रताप सिंह ‘मोती सिंह’ ने दी है।
श्री सिंह ने बताया कि इस 17 सत्त विकास लक्ष्यों में लक्ष्य संख्या-1 गरीबी उन्मूलन है, जिसके द्वारा गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवारों (अन्तराष्ट्रीय मानक 1.25 डालर अर्थात् लगभग रू0 92/-प्रतिदिन) की संख्या में वर्ष 2030 तक गणनात्मक कमी लानी है, जिसमें ग्राम्य विकास विभाग नोडल विभाग है, जो 35 अन्य सहयोगी विभागों के आपसी समन्वय से अवस्थापना सुविधाओं यथा सबके लिए आवास, शिक्षा, सड़क, पेयजल व बिजली आदि, रोजगारपरक व आय सृजन के उपायों यथा मनरेगा, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन के कार्यक्रमों, कौशल विकास आदि व सामाजिक सुरक्षा के कार्यक्रमों यथा प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, अटल पेन्शन योजना से प्रदेश के निर्धनतम व वंचित परिवारों को, विशेष रूप से वर्तमान में कोविड-19 की महामारी से उत्पन्न विषम परिस्थितियों में आच्छादित करने के लिए कार्य किया जा रहा है।
ग्राम्य विकास मंत्री श्री राजेन्द्र प्रताप सिंह (मोती सिंह) द्वारा विभागों की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए गरीबी उन्मूलन के लक्ष्य की प्राप्ति में आपसी सहयोग व समन्वय के साथ तीव्र गति से कार्य करने के निर्देश दिए। इससे समावेशी विकास व गरीबी उन्मूलन के मा0 प्रधानमंत्री व मा0 मुख्यमंत्री जी के सपनों को साकार किया जाना संभव हो सके।
इस सम्बन्ध में प्रदेश में सतत विकास लक्ष्य-2030 के क्रियान्वयन हेतु गोल संख्या-1 (गरीबी उन्मूलन) से संबंधित 35 विभागों द्वारा की गयी अद्यतन भौतिक/वित्तीय प्रगति की वरर्चुल समीक्षा हेतु ग्राम्य विकास एवं समग्र ग्राम विकास मंत्री की अध्यक्षता में आज गूगल मीट के माध्यम से मुख्य भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में की गयी। बैठक में एस0डी0जी0-1 के वर्ष 2020, 2022, 2024 व 2030 के लक्ष्यों तथा वर्ष 2020-21 की प्रगति पर विभागवार इण्डीकेटर्स पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गयी।
ग्राम्य विकास राज्य मंत्री श्री आनन्द स्वरूप शुक्ला द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत गठित किये जा रहे महिला स्वयं सहायता समूहों को गरीबी उन्मूलन हेतु विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जा रही लाभार्थीपरक व सामुदायपरक योजनाओं से जोड़े जाने की अपेक्षा की गयी तथा सभी विभागों को इस दिशा में आपसी समन्वय से कार्य करने का आह्वान किया गया।
अपर मुख्य सचिव, ग्राम्य विकास द्वारा श्रम विभाग से अपेक्षा की गयी कि महात्मा गांधी नरेगा योजना के अन्तर्गत 100 दिवस का रोजगार प्राप्त श्रमिकों का पंजीकरण कर अपनी विभागीय योजनाओं से प्राथमिकता पर लाभ प्रदान करें।
प्रमुख सचिव एवं आयुक्त, ग्राम्य विकास, उ0प्र0 द्वारा सभी विभागों से अपेक्षा की गयी कि वे एस0डी0जी0-1 से संबंधित अपने विभागीय कार्यक्रम/योजनाओं के वर्ष 2020, 2022, 2024 व 2030 के निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार तेजी से कार्य करें। सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना-2011 में चिंिन्हत वंचित परिवारों की विभिन्न योजनाओं से आच्छादन की वर्तमान प्रगति के संबंध में भारत सरकार के निर्देश पर प्रदेश द्वारा कराए जा रहे ईज आफ लिविंग सर्वे की सूची जनपद स्तर पर उपलब्ध है, जिसके अनुसार विभागीय योजनाओं से आच्छादित करने की कार्यवाही की जाए।
महानिदेशक, राज्य ग्राम्य विकास संस्थान द्वारा सभी संबंधित विभागों का आह्वाहन किया गया, कि लक्ष्य पूर्ति के आंकड़ों के साथ-साथ आपसी समन्वय से गरीबी उन्मूलन की दिशा में गुणवत्तापूर्वक इस प्रकार कार्य करें कि योजनाओं का लाभ पंक्ति में अंतिम पायदान पर खडे़ व्यक्तियों को प्राप्त हो सके और हम उनके चेहरों पर मुस्कान ला सके।
वरचुअल मीटिंग में श्री मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव, श्री के0 रविन्द्र नायक, प्रमुख सचिव एवं आयुक्त, ग्राम्य विकास, विशेष सचिव, अन्य विभागीय अधिकारियों एवं गोल में सम्मिलित 35 विभागों के अधिकारियों द्वारा आॅनलाईन प्रतिभाग किया गया।
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