इस्‍लामाबाद, आइएएनएस। कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) को भारतीय वकील या क्वींस काउंसल मुहैया कराने में आनकानी कर रहे पाकिस्‍तान ने अब एक नया शिगूफा छोड़ा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि कुलभूषण जाधव को एक और कांसुलर एक्सेस के लिए इस्लामाबाद की पेशकश पर भारत इसलिए तैयार नहीं है क्‍योंकि वह इस मामले को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय यानी आईसीजे में ले जाना चाहता है।

कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान भारत की इस चाल को समझता है। पाकिस्तान भारत को ऐसी कोशिशों में सफल नहीं होने देगा। पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री यहीं नहीं रुके उन्‍होंने आगे कहा कि भारत के साथ तब तक कोई बातचीत नहीं हो सकती है जब तक कि वह जम्मू-कश्मीर राज्य की विशेष स्थिति बहाल नहीं कर देता। कुरैशी ने यह भी आरोप लगाया कि भारत गिलगित-बाल्टिस्तान में उग्रवाद पैदा करने की कोशिशें कर रहा है।

दरअसल, भारत कुलभूषण जाधव के लिए भारतीय वकील या क्वींस काउंसल नियुक्त करने की मांग कर रहा है जबकि पाकिस्‍तान इससे बार बार मुकर रहा है। पाक का कहना है कि उसकी अदालतों में उन वकीलों को ही पेश होने की अनुमति है जिनके पास पाकिस्तान में कानून की प्रैक्टिस करने का लाइसेंस है। भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि पाकिस्तान सरकार आइसीजे के फैसले का बखूबी क्रियान्वन करने पर अपने दायित्वों को पूरा नहीं कर पाई है।


पाकिस्‍तान यह भलिभांति जानता है कि जिस झूठ की बुनियाद पर उसने कुलभूषण जाधव को अपनी जेल में बंद कर रखा है वह भारतीय वकील या क्वींस काउंसल की पैरवी के आगे टिक नहीं पाएगी। यही वजह है कि वह अपने मुल्‍क के कानून का हवाला देकर जाधव मामले में अपनी गिरेबां बचाने की कोशिश कर रहा है। बीते दिनों विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था कि आईसीजे ने फैसले में साफ कहा था कि पाक जाधव को बेरोक-टोक राजनयिक पहुंच मुहैया कराए...

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