*गैसड़ी (बलरामपुर)*
सामूहिक दुष्कर्म एवं दरिंदगी की शिकार छात्रा के परिजनों में मामले के विवेचक को लेकर असंतोष बढ़ता ही जा रहा है। परिजनों ने विवेचक बदलने तथा मामले की जांच सीबीआई अथवा सीबीसीआईडी से कराने के लिए मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखा है। साथ ही साथ परिजन छात्रा के भाई को चीनी मिल तुलसीपुर में दिलाई जा रही नौकरी से भी संतुष्ट नहीं है। परिजन सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग को लेकर मंगलवार को डीएम से फिर मुलाकात करेंगे।
विदित हो कि मामले की विवेचना कर रहे सीओ राधारमण सिंह ने बीते दिनों मुख्य आरोपी शाहिद को रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। केवल दो मोबाइल व सिम बरामद कर सीओ ने शाहिद को फिर जेल भेज दिया। परिजनों का कहना है कि छात्रा के शरीर पर जो 10 चोट के निशान मिले है वह यह साबित करता है कि घटना में 4-5 लोग शामिल थे। आरोपी पुलिस से झूठ बोलकर अन्य लोगों को बचाना चाहता है।
पुलिस आरोपी से बरामद मोबाइल का कॉल डिटेल भी हम लोगों से साझा नहीं कर रही है। पुलिस का कहना है कि घटना में केवल मुख्य आरोपी व उसका भतीजा ही शामिल था यह बात हजम नहीं हो रही है। विवेचक छात्रा के संबंध में गलत बयानबाजी भी कर रहे है। परिजनों ने मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखकर यह कहा है कि वर्तमान विवेचक से हमें न्याय की उम्मीद नहीं है इसीलिए मामले के विवेचक बदलने के साथ घटना की जांच उच्चस्तरीय एजेंसी सीबीआई या सीबीसीआईडी से कराई जाए।
डीएम कृष्णा करुणेश के कहने पर सोमवार को परिजन छात्रा के भाई की नौकरी के लिए चीनी मिल तुलसीपुर गए थे। मिल प्रबंधन से बातचीत के बाद परिजन संतुष्ट नहीं हुई और घर लौट गए। परिजनों ने कहा कि वह लोग चीनी मिल में नहीं बल्कि सरकारी नौकरी चाहते है।
उन्होंने यह भी बताया कि चीनी मिल से हमने नियुक्ति पत्र मांगा तो मिल प्रबंधन ने नियुक्ति पत्र देने में आनाकानी की। परिजनों ने यह भी बताया कि छात्रा के भाई को सरकारी नौकरी सहित एक करोड़ की आर्थिकद मदद, शस्त्र लाइसेंस, सरकारी आवास, खेती के लिए जमीन का पट्टा आदि शीघ्र दिए जाने के लिए मंगलवार को डीएम कृष्णा करुणेश से मुलाकात करेंगे।
दिव्य प्रकाश तिवारी 'चमन'
बलरामपुर
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