उतरौला ब्लाक के बकसरीया गांव में बनाए जा रहे सार्वजनिक शौचालय निर्माण में मानक की अनदेखी की जा रही हैँ। घटिया सीमेंट, बालू व पीले ईंट से निर्माण कार्य कराया जा रहा है। नींव की खुदाई भी मानक से बहुत कम की गई है। नींव में गिट्टी एवं रोड़े का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं किया गया है। आबादी से लगभग पांच सौ मीटर दूर बन रहे सार्वजनिक सौचालय पहुंचने के लिए कोई पक्का रास्ता नहीं है। आबादी से दूर एकांत सुनसान में बन रहे सार्वजनिक सौचालय पहुंचने पर महिलाओं की सुरक्षा पर भी संदेह की स्थिति व्यक्त की जा रही है। ग्रामीणों में ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव व ठेकेदार के प्रति जबरदस्त गुस्सा है।
उतरौला विकास खंड की ग्राम पंचायतों में इन दिनों युद्ध स्तर पर विकास कार्य चल रहा है। गांव-गांव सार्वजनिक शौचालय, बारात घर, पंचायत भवन का निर्माण कराया जा रहा है। बकसरीया गांव में बन रहे सार्वजनिक शौचालय में जमकर खेल किया जा रहा है। ठेकेदारों ने ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव एवं ब्लाक के जिम्मेदारों के साथ साठ-गांठ करके घटिया सामग्री का प्रयोग कर रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि शौचालय निर्माण में पीले व दोयम दर्जे की ईंट, घटिया बालू व सीमेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है। मानक के अनुरूप कार्य नहीं कराया जा रहा है। सरकारी धन का दुरुपयोग करते हुए बंदरबांट किया जा रहा है।
रिपोर्ट --
असगर अली
उतरौला
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