आलापुर (अम्बेडकर नगर) शरद पूर्णिमा या आश्विन पूर्णिमा का सनातन धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान होता है पूर्णिमा 30 अक्टूबर को है जो 31 अक्टूबर शनिवार तक रहेगा । उक्त जानकारी देते हुए मॉरीशस में सनातन धर्म की ध्वजा बढ़ा रहे आचार्य राकेश पाण्डेय ने बताया कि सनातन धर्मावलंबियों के लिए शरद पूर्णिमा का एक विशेष धार्मिक महत्व होता है शरद पूर्णिमा को धन, वैभव और ऐश्वर्य की देवी माता लक्ष्मी का अवतरण हुआ था। विदेश में सनातन धर्म पताका फहरा रहे आचार्य पंडित राकेश पांडेय का कहना है कि आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 30 अक्टूबर शुक्रवार को शाम 05 बजकर 45 मिनट से प्रारंभ हो जाएगा जो अगले दिन 31 अक्टूबर गुरुवार तक रहेगा। वर्ष में एक बार शरद पूर्णिमा के दिन ही चंद्रमा 16़ कलाओं से परिपूर्ण होता है शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत की बूंदें बरसती हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती हैं। पूर्णिमा की चांदनी में दूध-चावल का खीर बनाकर खुले आसमान में रखने से चंद्रमा की अमृत युक्त किरणें खीर में समाहित होकर उसे औषधीय गुणों से युक्त अमृत के समान बना देतीं हैं। आचार्य राकेश पांडेय के मुताबिक शरद पूर्णिमा के दिन द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के संग महारास रचाया था। शरद पूर्णिमा को माता लक्ष्मी निशा भ्रमण करती हैं इसलिए माता लक्ष्मी की पूजा करने से वर्ष भर धन वैभव की कोई कमी नहीं रहती है।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने