जिले मे ऐसे विद्यालय जहाँ अधिकारियों की कृपा से बच्चों को दर्शन ही नही देते गुरु जी 
तू डाल डाल मै पात पात ये कहावत तो काफी प्रचलित है लेकिन फिट हर जगह नही बैठती । हाँ ये बेसिक शिक्षा क़े कुछ गिने चुने मुन्नाभाई टाइप क़े गुरु जी अभी भी ऐसे हैं जो इसे चरितार्थ करते नजर आ रहे हैं । कि बेसिक शिक्षा विभाग डाल डाल तो मै पात पात । आप लाख ऐप बना लो कितने जतन कर लो मुझे घर बैठे 55 हजार लेना है लूंगा । 
बताते चलें कि गोण्डा जनपद क़े  कटरा बाजार शिक्षा क्षेत्र का   मेहरवानाबाद 1 प्राथमिक विद्यालय ऐसा है जहाँ  क़े  हेड मास्टर अखिलेश गोस्वामी जी ऐसे हैं जो स्कूल ही नही आते । अब मामला सेट है तो नही आते कोई क्या करेगा । 
संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी का ज़मीर इन्होने खरीद रखा है, इसलिये गांव वालों की शिकायत भी वे असर है । अब बड़का साहब डिप्टी को मनमाफिक कर रखा है तो वो सब कुछ नजरअंदाज करते रहते हैं।
यह हालत तब है जब सरकार सूबे में सरकारी शिक्षा व्यवस्था सुधारने का दम्भ भर रही है । और सबसे ज्यादा प्रयोग बेसिक शिक्षा पर करते हुए लगातार मेहनत करती दिखाई दे रही है। 
ऐसे अध्यापक और अधिकरी की ही वजह से तमाम भोले भाले  अभिभावकों का भरोसा सरकारी शिक्षा से उठ जाता है। 
 और अभिभावक बिना मान्यता वाले स्कूलों मे  झक मार कर प्रवेश दिला देते हैं । 
अब जब लगातार शिक्षकों पर पहरा लगता जा रहा है बिना अनुमति क़े कोई शिक्षक स्कूल से बाहर नही जा पाता ऐसे मे ऐसी घटनाएँ वास्तव मे सिस्टम पर बड़ा सवाल उठती हैं ।  और एक क़े कारण कार्य करने वाले बाकी शिक्षकों को भी बदनामी झेलनी पड़ती है ।
 बताते चलें ग्राम पंचायत मेहरवानाबाद निवासी जगन्नाथ चौबे अमृतलाल संगम , राम मौर्या सहित दर्जनों लोगों ने बताया है कि उक्त शिक्षक जो जनपद सीतापुर क़े मूल निवासी है केवल दस्ख्त करने विद्यालय आते हैं । इनका पंहुच ऊपर अधिकारियों से है तो कई बार शिकायत क़े बाद भी कोई कार्यवाही नही हुई । ऐसे मे लोग निजी स्कूलों मे बच्चे भेजने को मजबूर हैं । 

अरविन्द कुमार पाण्डेय 
गोण्डा

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