अंबेडकर नगर।शासन सत्ता का बागडोर संभालते हुए जब मुख्यमंत्री द्वारा  जनता सेवा के लिए महत्वाकांक्षी योजनाएं ,अभियान और तरह-तरह की योजनाओं को धरातल पर लाकर गरीब जनता से लेकर समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का जो लक्ष्य होता है वह आखिरकार पूरा क्यों नहीं हो पाता।बहुत बड़ा सवाल बनकर आज तक रह गया है।ऐसे ही सवालों के जवाब आज आपको मिलेंगे बसखारी विकासखंड के ग्राम पंचायत हरैया में जहां पर एक कोटेदार की दबंगई और मनमानी खुलेआम सामने आई है।इस बात से गुरेज नहीं किया जा सकता कि कोटेदारों का मनोबल भ्रष्टाचार अधिकारी और कर्मचारी ही बढ़ाते हैं।प्राप्त जानकारी के अनुसार बसखारी विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत हरैया में आवंटित सरकारी राशन की दुकान बाबू राम सिंह के नाम से संचालित है। जहां पर सरकार की महत्वाकांक्षी योजना राष्ट्रीय खाद सुरक्षा अधिनियम के तहत राशन वितरण का कार्य किया जाता है।नियमानुसार प्रति यूनिट के हिसाब से खाद्यान्न का वितरण किया चाहिए लेकिन जब गरीब जनता के हक को डकारने वाले कोटेदार ही गजोधर बन कर बैठ गए हैं तो जनता को उसका हक कैसे मिलेगा।जनता के हिस्से का राशन कोटेदार डकार जा रहा है और जिम्मेदारान अधिकारी आंख बंद कर सब कुछ नजरअंदाज कर रहे हैं।पीड़ित लाभार्थियों ने यूनिट के हिसाब से राशन ना मिलने के कारण शपथ पत्र लगाते हुए एसडीएम टांडा और SMI बसखारी को प्रार्थना पत्र देकर कार्ड में अंकित यूनिट के अनुसार राशन दिलाए जाने मांग की है। मनबढ और दबंग कोटेदार के अड़ियल रवैए से परेशान होने के कारण ग्रामीणों ने राशन की दुकान को आसपास के कोटे से संबंध करने की मांग की है जिससे उनके हक का राशन उन्हें मिल सके।दर्जन भर से अधिक लोगों ने कोटेदार पर आरोप लगाते हुए मनमानी ,कम राशन वितरण का शपथ पत्र नोटरी के साथ दिया है। शिकायत कर्ताओ में वर्षा , पूनम, संतोष कुमार ,कांति देवी,ऊषा, अर्चना,  कुंदन, रेखा देवी, शशि के अलावा कई शपथ पत्र देकर  इस दबंग कोटेदार के ऊपर विधिक कार्रवाई के साथ-साथ कोटा निलंबन की भी मांग किया है।ग्रामीणों द्वारा उठाए गए इस सराहनीय कदम कोटेदार को नागवार लगा और आओ देखा ना ताव ग्रामीणों को बेहिसाब गाली गलौज देते हुए भगा दिया और कहा कि जहां शिकायत किया है जाकर वहीं से राशन लेना।प्रकरण के संबंध में जब कोटेदार बाबूराम सिंह से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो संपर्क नहीं हो सका।प्रकरण के संबंध में जब उपजिलाधिकारी टांडा से पाठक से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो साहब का फोन ही नहीं रिसीव हुआ।क्या इन्हीं के भरोसे उत्तर प्रदेश की सरकार उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने का ख्वाब देख रही है।


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