अदलहाट। थाना क्षेत्र के डेहरी गांव में गुरुवार को एक जोगी पहुंचा और अपने को रामधनी विश्वकर्मा का बेटा बताने पर उसे देखने वालों की भीड़ लग गई। डेहरी गांव निवासी रामधनी विश्वकर्मा का 16 वर्षीय पुत्र की 2004 में फत्तेपुर गांव के पास सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।घटना के तीन दिन बाद परिजनों को मालूम हुआ तो परिजन मृतक का पुतला बनाकर दाह संस्कार व श्राद्ध कर्म किया। गुरुवार को एक जोगी उनके घर आया और भिक्षा मांगने लगा तो रामधनी ने उसे भिक्षा दी। जोगी ने दक्षिणा की मांग की तो उन्होंने कहा की अभी पत्नी की मृत्यु हो गई थी उसके पास धन नहीं है। यह कहने पर जोगी ने कुछ ही दक्षिणा देने की बात कही, तब रामधनी ने 10 रुपये उसको दक्षिणा दी। यहां से जोगी उनके घर के पड़ोस में गया और फूट-फूट कर रोने लगा। कहा कि बाबू हमें पहचान नहीं रहे। मैं छोटू हैं। रामधनी को जब इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने जोगी से पगड़ी उतार कर दिखाने को कहा इस पर जोगी ने मना कर दिया। रामधनी का कहना था कि छोटू का चेहरा मिल रहा है। लेकिन उसके सिर में घाव का निशान था। जोगी अपने को चार भाइयों के होने एवं गांव वालों को पहचानने की बात कर रहा था। लेकिन किसी का नाम नहीं बता रहा था। जोगी का कहना था की गुरु का आदेश अभी नहीं है। दोबारा आने पर सारी बात बताएंगे।

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