उतरौला(बलरामपुर)
राप्ती नदी के कटान से बचाव हेतु विकासखंड गैड़ास बुजुर्ग क्षेत्र के तटवर्ती गांव भरवलिया में बने कटर, स्पर नदी की तेज धारा में बहने लगे हैं। हालांकि पिछले कुछ दिनों से नदी का जलस्तर तेजी से घट रहा था। राप्ती नदी शांत थी। मंगलवार शाम से राप्ती नदी की हलचल बढ़ गई गांव को कटान से बचाने के लिए बनाए गए कटर को राप्ती नदी ले ली लिया।
राप्ती नदी द्वारा पुनः कटान करने से ग्रामीण दहशत में हैं। गांव की सुरक्षा को खतरा बढ़ रहा है।
नंदौरी व भरवलिया में राप्ती किसानों की जमीनों को निगल रही है।
नदी का जलस्तर कम होने के साथ भरवलिया गांव में राप्ती की एक धारा ने स्पर एवं कटर को निशाने पर ले रखा है।
बाढ़ खंड द्वारा गांव को राप्ती नदी की कटान से बचाने के लिए लगभग महीने भर पहले बोरियों में बालू भरकर एवं बांबू से बने स्पर बनवाए गए थे।
राप्ती नदी ने अब कटान से बचाव के लिए बनाए गए स्परो को ही निशाने पर ले रखा है। नदी की तेज धारा के साथ स्पर बह गए हैं। नदी भू-कटान कर गांव की ओर पैर पसार रही है।
किसानों की जमीनों को लगातार कटान कर रही है।
प्रशासन व बाढ़खंड द्वारा नदी कटान रोकने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम ना होने से से लोगों में भारी रोष है।
ग्रामीण कहते है कि प्रशासन द्वारा कटान रोकने के नाम पर जो काम कर रहा है वह केवल औपचारिकता है। कटान रोकने के लिए जो भी अस्थाई उपाय किए जाते हैं इन्हें नदी बहा ले जाती है। काम के नाम पर ठेकेदार और अधिकारी सिर्फ कमाई कर रहे हैं। कटान वाली जगह पर जिओट्यूब से काम किया जाए तभी कटान थम सकता है, वरना नही। कई जगह बोरियां और बंबू कटर लगाकर किनारों को मजबूत किया गया था लेकिन शुरुवात में ही आई तेज बाढ़ में यह सब बह गया।
कटान की विभीषिका और गांव की उपेक्षा को लेकर ग्रामीण इतने आक्रोशित हैं कि उन्होंने जनप्रतिनिधियों को भी खरी खोटी सुनाई है। समीउल्ला खान, अमानत खान, मुकीम खान, गुलाम मोहम्मद आदि ने गांव को नदी की कटान से बचाने के लिए जिलाधिकारी से गुहार लगाई है।
असगर अली
तहसील संवाद
उतरौला
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