बदली फिज़ाएँ
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जिस्म से रूह तक पथ
सवारा नही ,
इस तरह से कभी दिन
गुजारा नही ,
दूर होने से क्या
भूल जाऊँ तुझे ?
प्यार ऐसा तो मुझको
ग़वारा नही !
कल जहाँ वीरानियाँ थीं
आज है गुलशन वहाँ ,
प्रेम ने बदली फिजाएँ
प्रेम ही ने बदला जहाँ !
दिल धड़कता प्रेम से ही
प्रेम से ही साँस है ,
प्रेम से है उत्साह यहाँ
प्रेम जीवन - प्यास है !
प्रेम की राह कठिन है
सरल कहाँ है प्रेम यहाँ,
जीवन, में जिसके मिला
खिल गया उसका जहाँ!
प्रेम रांझा - हीर का था
प्रेम मजनूँ ने किया ,
प्रेम मीरा ने किया था
और विष - प्याला पिया !
प्रेम राधा - कृष्ण का था
प्रेम सीता - राम का ,
प्रेम में सोचता न कोई
प्रेम के परिणाम का !
प्रेम दिल की चाहतें हैं
प्रेम मन के भाव भी ,
जो कभी भरते नहीं वे
प्रेम ऐसे घाव भी !
प्रेम पतझड़ है अगर तो
प्रेम सावन की घटा ,
प्रेम है मन का मनोरथ
दिल में है पावन छटा !
प्रेम सागर की गहनता
प्रेम दरिया - धार है ,
पथ है प्रेम नेह का बस
प्रेम ही तो प्यार है !
प्रेम पंक्ति बद्ध नही
मुश्किल में इसका जहाँ,
सांसो में बस जाए जो
वही प्रेम सार्थक यहाँ!
गर किसी की जिंदगी में
प्रेम भर पाया नहीं ,
प्रेम का विरोधी कहो जो
प्रेम कर पाया नहीं !
प्रेम ही पूजा हमारी
ह्रदय तो भगवान है ,
प्रेम ही से जीवन हमारा
प्रेम से ही प्रान है !
प्रेम में खूबसूरत जहाँ
प्रेम में ही यारियां,
प्रेम में ही ईश्वर बसा
प्रेम में दुश्वारियां!
प्रेम ने बदला जहाँ को
प्रेम में कमजोरियां,
प्रेम ने बदली फ़िज़ाएँ
हर तरफ रौशन जहाँ!
जीवन भर जो साथ दे
प्रेम की परिभाषा वहाँ,
दूर रहकर प्रेम से
देखो रह पाया जहाँ!
प्रियंका द्विवेदी
मंझनपुर कौशाम्बी
मंझनपुर कौशाम्बी।
प्रियंका द्विवेदी .
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