डीएम सुशील कुमार पटेल की अध्यक्षता में जिला पंचायत सभागार में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की हुई बैठक में कोरोना संक्रमण के मद्देनजर 30 अक्तूबर को ईद-ए-मिलाद/बारावफात के त्योहार पर जुलूस न निकालने का निर्णय लिया गया। मुस्लिम धर्मगुरूओें के इस फैसले की जिला व पुलिस प्रशासन ने सराहना की। मुस्लिम धर्मगुरूओं ने बैठक में एक स्वर में कहाकि कोरोना की बीमारी न तो दिखाई देता और नहीं यह बीमारी पता चलता है कि किसके साथ किसको आ जाएगी। यह संक्रमण से फैलने वाली बीमारी है। इस महामारी के दौर व बीमारी से सभी को बचने की जरूरत है। सभी लोगों ने कहा कि जूलूस निकालने से काफी भीड होगी। किसी को मना नहीं जा सकता है। सभी ने एक स्वर में निर्णय लिया गया कि जूलूस नहीं निकाला जाएगा। जिला व पुलिस प्रशासन नेमुस्लिम धर्मगुरूओं के निर्णय का स्वागत किया। डीएम सुशील कुमार पटेल ने कहा कि बीमारी का पता ही नहीं चलता है कि कब किसके द्वारा किसे हो जाएगी। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि अपने परिवार के साथ ही त्योहार मनाए और बच्चोंं और बुजुगार्े को घर से बाहन न निकलने दें। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि वे स्वयं कोरोना महामारी से लड रहे है। पता ही नहीं चला कब और कहां से आ गयी। निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद भी अस्वस्थ महसूस कर रहे है। अपर जिलाधिकारी यूपी सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जो बात जिला प्रशासन को अपील करनी थी वह यहां के मुस्लिम धर्मगुरूओं ने स्वयं निर्णय कर अवगत दिए। इससे बुद्घिजीवी वर्ग सराहना के योग्य है। डीएम ने नगर पालिकाओं के ईओ व जिला पंचायत अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि वे अपने-अपने विभाग से सम्बंधित सभी कार्य कराएं।

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