लखनऊः दिनांक 20 अक्टूबर 2020
जनहित याचिका कनिष्ठ पांडे बनाम यूनियन ऑफ इंडिया एवं अन्य के संबंध में मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्गत प्रश्नावली के संबंध में समस्त उपनिदेशक/मंडलीय अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी उत्तर प्रदेश तथा समस्त जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी उत्तर प्रदेश को निर्देशित किया गया है कि उत्तर प्रदेश खेल विकास एवं प्रोत्साहन नियमावली 2020 के अनुसार मदरसों में भी खेल गतिविधियों का प्रचार प्रसार तथा विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में भागीदारी ‘‘खेलो इंडिया ऐप‘‘ खेलांे में रुचि रखने वाले शिक्षकों का पंजीकरण आदि कार्यवाही प्राथमिकता के आधार पर कराई जाए। इसके साथ ही मदरसों में खेल संस्कृति के विकास और प्रचार-प्रसार की एक कार्ययोजना बनाकर तैयार की जाए। इसके अलावा इस क्रम में की गई समस्त कार्रवाई की रिपोर्ट हर महीने परिषद कार्यालय की ई-मेल आईडी तमहपेजतंतण्उेच.नच/हवअण्पद रजिस्टर पर भेजी जाए।
श्री आर पी सिंह रजिस्ट्रार/निरीक्षक उ0 प्र0 मदरसा शिक्षा परिषद ने 16 अक्टूबर 2020 को जनहित याचिका से जुड़े निर्णय आदि को प्रेषित करते हुए आवश्यक कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए हैं।
प्रमुख सचिव खेल विभाग उत्तर प्रदेश शासन की अध्यक्षता में 25 अगस्त 2020 को संपन्न हुई बैठक का कार्यवृत में निर्देश दिया गया कि कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों के लिए खेल के मानक की जानकारी प्रदान करते हुए स्कूल/तहसील/जिला/मंडल/राज्य स्तर पर खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन ‘‘उत्तर प्रदेश खेल विकास एवं प्रोत्साहन नियमावली 2020’’ की समय सारणी के अनुसार आयोजित की जाएं। पैरा गेम्स का आयोजन ‘‘एक जिला एक खेल’’ के तहत जानकारी देकर खेल चयन किया जाए। सभी प्राथमिक/माध्यमिक/मदरसों/अन्य शिक्षण संस्थानों में खेल के मानक एवं खेल हेतु आवश्यक शारीरिक फिटनेस के मानकों के फ्लैक्स बोर्ड लगाए जाएं। प्रत्येक प्राथमिक/जूनियर/ माध्यमिक/उच्च शिक्षण संस्थाएं अपने कोचेज एवं खिलाड़ियों का रजिस्ट्रेशन ‘‘खेलो इंडिया ऐप’’ पर करायें, कितने खिलाड़ियों /कोचों का ‘‘खेलो इंडिया ऐप’’ पर रजिस्ट्रेशन कराया गया। इसकी सूचना एक माह की पहली तारीख को प्रेषित करें।
इसके दृष्टिगत यह उचित होगा कि जनपद में स्थित प्रत्येक मदरसे द्वारा खेल विकास एवं प्रोत्साहन समिति गठित कराई जाए, जिसमें खेलों में अभिरुचि रखने वाले प्रबंध समिति के सदस्य, मदरसा शिक्षक/शिक्षणेत्तर कर्मचारी, मदरसों में अध्ययनरत छात्र- छात्राओं के अभिभावकों तथा वरिष्ठ छात्राओं को रखा जाए। इससे मदरसों में खेल संस्कृति के विकास में मदद मिलेगी।
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