हाथरस मामले में विपक्ष पूरी तरह से गैर-जिम्मेदाराना रवैया अपना रहा है। विपक्ष नहीं चाहता कि सच सामने आए। विपक्ष को दलित बेटी की इज्जत का सम्मान प्रिय नहीं है। विपक्ष जानबूझकर इस क्षेत्र में जातीय दंगे कराना चाह रहा है। बहन मायावती जी पूर्व मुख्यमंत्री हैं, उन्हें मामले की गम्भीरता समझनी जाहिए थी। मेडिकल रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और एफ0एस0एल0 रिपोर्ट में कहीं पर गैंगरेप की पुष्टि नहीं हुयी है फिर भी वे सोशल मीडिया में बयान देकर दलित बिटिया का अपमान करने का काम कर रही हैं।

माननीय मुख्यमंत्री जी पहले ही एस0आई0टी0 गठित कर चुके हैं और एस0आई0टी0 की प्रारम्भिक रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई भी प्रारम्भ हो चुकी है। सरकार की इस पहल से सत्य सामने आएगा। विपक्ष नार्को/पाॅलीग्राफ टेस्ट से क्यों भाग रहा है? विपक्ष के ट्वीट्स, आॅडियो टेप एवं पुरानी घटनाएं दंगे की साजिश की ओर इशारा करती हैं। यू0पी0 में दंगे की साजिश है, हाथरस तो एक बहाना है। मुख्यमंत्री जी ने पहले ही महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अत्याचार के खिलाफ सख्त कानूनों का प्रावधान किया है। जिससे तय समय में जांच और सीमित समय में ट्रायल होकर अदालती फैसला आए। मुख्यमंत्री जी ने पहले ही पाॅक्सो मामले में मृत्युदंड के लिए सिफारिश की है।


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