बच्चों के भविष्य को लेकर अभिभावकों ने जाहिर की चिंता।
क्षेत्र के पचासी प्रतिशत अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए सहमति जताई। कोविड-19 के तहत लगभग 6 महीने से बंद चल रहे विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं का शिक्षण कार्य बाधित है। घर पर ऑनलाइन पढ़ाई में बच्चे रुचि नहीं दिखा रहे हैं। स्कॉलर एकेडमी इंटर कॉलेज उतरौला के प्रांगण में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अभिभावकों की एक बैठक आयोजित की गई। डायरेक्टर मोहम्मद असलम शेर खान ने अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि शासन द्वारा 15 अक्टूबर से कक्षा 9 से 12 तक के छात्र-छात्राओं का शिक्षण कार्य अभिभावकों की सहमति पर शुरू कराए जाने का आदेश जारी किया गया है जिस पर बच्चों को स्कूल भेजने पर अभिभावकों की राय ली गई । विद्यालय प्रबंधक रेखा शर्मा एवं डायरेक्टर मोहम्मद असलम शेर खान के समक्ष कक्षा 9 से 12 तक पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के पचासी प्रतिशत अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजने पर अपनी सहमति जताते हुए शपथ पत्र दिया।
अभिभावक हसन मोहम्मद,बसंत मेहरा, अजय कुमार विमल ,रामचंद्र गुप्ता, अकरम, मोहम्मद असलम आदि ने कहा कि कोविड-19 प्रकोप के कारण पिछले छ महीनों से विद्यालय बंद चल रहा है। बच्चों का पठन-पाठन कार्य बाधित है। विद्यालय द्वारा चलाई जा रही ऑनलाइन शिक्षा में घर पर अनेक बाधाएं आ रही हैं जिस कारण बच्चे नियमित ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रहे हैं। उपस्थित अभिभावकों ने हर्ष जाहिर करते हुए कहा कि सरकार द्वारा स्कूल खोले जाने का फैसला बेहद सराहनीय है।
असगर अली
की रिपोर्ट
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