पड़री। थाना क्षेत्र के दुबेपुर महेवा गांव से शनिवार को गाय चराने निकले 10 वर्षीय बालक का शव रविवार की सुबह खजूरी नदी ककराही आश्रम के पास मिला। सूचना पर पहुंचे परिजनों ने शव की शिनाख्त की। शरीर पर चोट के निशान देखकर परिजनों ने अपहरण कर हत्या की आशंका जताई है। परिजनों के आरोप पर पुलिस मामले की जांच कर रही।
क्षेत्र अंतर्गत दुबेपुर महेवा गांव निवासी बलराम यादव का 10 वर्षीय पुत्र शनि शनिवार की दोपहर बाद गाय चराने के लिए घर से नदी की ओर निकला था। जो शाम तक घर वापस नहीं पहुंचा, तो परिजनों ने उसकी खोजबीन की। नहीं मिलने पर पड़री पुलिस को सूचना दी। पड़री पुलिस ने खजुरी नदी में जाल डलवाकर छनवाया, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। रविवार की सुबह सात बजे के करीब नदी में एक शव मिलने की सूचना पर थाना प्रभारी पड़री व चौकी पैड़ापुर पुलिस बल मौके पर पहुंची। शव की शिनाख्त शनि पुत्र बलराम यादव निवासी दुबेपुर महेवा थाना पड़री के रूप में की गई। सूचना पर परिजन मौके पर पहुंचे। शरीर पर चोट के निशान देख परिजनों ने अपहरण कर हत्या करने के बाद नदी में शव फेंकने की आशंका जताई। पिता बलिराम यादव ने थाने में हत्या की तहरीर दी है। थानाध्यक्ष वेंकटेश तिवारी ने कहा कि प्रथम दृष्टया डूबने से मौत होना प्रतीत हो रहा है। उसकी गाय नदी उस पार धान के खेत में चली गई। गाय धान के खेत में न जाए, रोकने के लिए बालक नदी में उतरा और डूब गया होगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत के कारणों की पुष्टि हो जाएगी। रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
तीन भाइयों में सबसे बड़ा था शनि
पड़र। बलिराम पशुपालक और किसान है। उनका पुत्र शनि तीन भाइयों में सबसे बड़ा था। शनि से छोटा छह वर्षीय मनी और तीन वर्षीय श्याम बाब है। शनि से बड़ी उसकी बहन है। बहन 12 वर्षीय आंचल कक्षा छह की छात्रा है। शनि गांव के प्राथमिक विद्यालय में कक्षा पांच का छात्र था। शनि विद्यालय बंद होनेपर मवेशी चराने जाता था।
काश कि शनि को मवेशी चराने न गया होता
पड़री। शनि की मौत के बाद मां शिव कुमारी का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है। मां का कहना है कि वह अपने बेटे को मवेशी चराने जाने के लिए रोक रही थी। लेकिन हमें क्या पता कि शनिवार का दिन उसके जिगर के टूकड़े शनि के लिए इतना अशुभ होगा कि वह अब दोबारा नहीं मिलेगा। इतना कह कर बेहोश हो जा रही थी।
अंडरवियर में मिला शव, नदी में कैसे पहुंचा शनि
पड़री। आखिर बालक का शव नदी में कैसे पहुचा, यह बात ग्रामीणों में चर्चा का विषय बना हुआ है। शनिवार की दोपहर दो बजे जब मृतक शनि मवेशी लेकर सिवान में गया था। उसके लगभग डेढ़ घंटे बाद किसानों ने मवेशियों द्वारा फसल को बर्बाद होने की सूचना पिता बलिराम यादव को दी। जिस पर बलिराम ने लोगों के सहयोग से काफी खोजबीन किया, पर शनि का पता नहीं चला। ग्रामीणों की बात माने तो जिस स्थान पर शव उतराया मिला वहां शनिवार को खोजबीन की गई थी, लेकिन उस समय शनि का वहां पता नहीं चला। रविवार को शव देख कर ग्रामीणों में यह चर्चा का विषय बना रहा कि आखिर शनि नदी तक कैसे आया। यही नहीं शनी हाफ पैंट और पुल बनियान पहन कर मवेशी चराने गया था। नदी में उसका शव मिला तो वह सिर्फ अंडरवीयर पहने था। उसके नाक व मुंह से खून आ रहा था। नदी में पड़ा शव देखने से लगा रहा था कि किसी ने हत्या कर फेंका हो। डूबा होता तो शव फूल गया होता।

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