"DISEASE FREE WORLD"
 "भारत में "डायबटीज़" से मरने वालों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि"
     
       तेज़ अनुवांशिक गड़बड़ी और बदलती जीवनशैली के कारण भारत में मधुमेह से होने वाली मौतों में साल 2005 से 2015 के बीच 50 फीसदी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है और यह देश में मौत का सातवां सबसे बड़ा कारण है, जो कि 2005 में 11वां सबसे बड़ा कारण था। ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजिज (जीबीडी) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
    वहीं, मौत का सबसे बड़ा कारण हृदय रोग बना हुआ है, उसके बाद क्रॉनिक फेफड़े का रोग, ब्रेन हेमरेज, श्वसन तंत्र में संक्रमण, दस्त रोग और तपेदिक का नंबर है।
   जीबीडी की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2015 में तपेदिक से कुल 3,46,000 लाख लोगों की मौत हुई, जो सालभर में हुई कुल मौतों का 3.3 फीसदी है। इसमें साल 2009 से 2.7 फीसदी का इजाफा हुआ है।हर एक लाख की आबादी पर 26 लोगों की मौत डायबटीज से हो जाती है। मधुमेह विकलांगता का भी प्रमुख कारण है और 2.4 फीसदी लोग इसके कारण ही विकलांग हो जाते हैं।
   भारत में कुल 6.91 करोड़ लोग मधुमेह के शिकार हैं जो कि दुनिया में चीन के बाद दूसरा नंबर है। चीन में कुल 10.9 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित हैं। अंतर्राष्ट्रीय डायबिटीज फेडरेशन के डायबिटीज एटलस के मुताबिक भारत में मधुमेह से पीड़ित 3.6 करोड़ लोगों की जांच तक नहीं हुई है। देश के 20 से 79 साल की उम्र की आबादी का करीब 9 फीसदी मधुमेह से ग्रसित है।
   ये आंकड़े चिंताजनक है, क्योंकि मधुमेह एक क्रॉनिक रोग है, जो न केवल पैंक्रियाज की इंसुलिन निर्माण करने की क्षमता को प्रभावित करता है, बल्कि इसके कारण हृदय रोग, स्ट्रोक, गुर्दे की विफलता, दृष्टि की हानि और न्यूरोपैथी या तंत्रिका तंत्र क्षति होती है जिसे पांव काटने तक की नौबत आ जाती है।
    40 से 59 साल की उम्र के लोगों में ज्यादा हो रही बीमारी:-
   अन्य देशों की तरह जहां ज्यादातर 60 साल के ऊपर के लोग ही मधुमेह के शिकार होते हैं। भारत में यह 40 से 59 साल की उम्र के लोगों में ज्यादा पाया जाता है। इससे आबादी की उत्पादकता भी प्रभावित होती है।
   फोर्टिस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर डायबिटीज के मेटाबोलिक डिजिज एंड एंडोक्राइनोलॉजी के अध्यक्ष अनूप मिश्रा ने आईएएनएस को बताया, "भारत में दुनिया से एक दशक पहले से ही मधुमेह फैला है। इससे उत्पादकता घटती है और जटिलताएं पैदा होती हैं। हमें मधुमेह से लड़ने के लिए पल्स पोलिया जैसा अभियान चलाने की जरूरत है, क्योंकि यह समस्या टीबी, एचआईवी और मलेरिया से भी बड़ी है।"
    एक चैलेंज:- जिस किसी को भी डायबिटीज़ या कोई भी लाइफस्टाइल डीज़ीज़ जैसे उच्च रक्तचाप, हृदय संबंधी प्राब्लम, मोटापा, कैंसर, कोलेस्ट्रॉल, थायराइड, अर्थराइटिस, सोरियासिस, आंत व जिगर संबंधित रोग, अस्थमा इत्यादि तकलीफ़ हो गई है उनके लिए मैंने काफ़ी रिसर्च करके एक युनिक यूनानी दवा तैयार की है जिसके सेवन से सिर्फ चार या छः या नौ महीने में उपरोक्त सभी प्रकार के रोग हमेशा केलिए रिवर्स हो जाती हैं। उस दवा का नाम है :-
                 "HEALTH IN BOX ®" 
   जिस दिन से इसे लेना शुरू करेंगे उसी दिन से आपकी तमाम अंग्रेज़ी दवाओं को छोड़ने केलिए आप मजबूर हो जाएंगे। इसका कोर्स पूरा करने के पश्चात् आप बिल्कुल सेहतमंद जिंदगी गुज़ार सकते हैं, बिना किसी दवा के। इस दवा अबतक हज़ारों लोग इस तरह की लाइफस्टाइल डीज़ीज़ से मुक्त हो चुके हैं। आप भी आज़मा कर देख लें।
    HAKEEM MD ABU RIZWAN
                      BUMS,hons.(BU)
          UNANI PHYSICIAN
    Spl in LIFESTYLE DISEASES
+UNANI MEDICINES RESEARCH CENTRE+
JAMSHEDPUR JHARKHAND
Contact 9334518872 & 8651274288
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Website https://umrc.co.in/

2 टिप्पणियाँ

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  1. 119:- "#DISEASE FREE WORLD"

    अस्सलाम अलैकुम व रहमतुल्लाह व बरकातोहू !

    "भारत में "#डायबटीज़" से मरने वालों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि"

    तेज़ अनुवांशिक गड़बड़ी और बदलती जीवनशैली के कारण भारत में मधुमेह से होने वाली मौतों में साल 2005 से 2015 के बीच 50 फीसदी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है और यह देश में मौत का सातवां सबसे बड़ा कारण है, जो कि 2005 में 11वां सबसे बड़ा कारण था। ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजिज (जीबीडी) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
    वहीं, मौत का सबसे बड़ा कारण हृदय रोग बना हुआ है, उसके बाद क्रॉनिक फेफड़े का रोग, ब्रेन हेमरेज, श्वसन तंत्र में संक्रमण, दस्त रोग और तपेदिक का नंबर है।
    जीबीडी की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2015 में तपेदिक से कुल 3,46,000 लाख लोगों की मौत हुई, जो सालभर में हुई कुल मौतों का 3.3 फीसदी है। इसमें साल 2009 से 2.7 फीसदी का इजाफा हुआ है।हर एक लाख की आबादी पर 26 लोगों की मौत डायबटीज से हो जाती है। मधुमेह विकलांगता का भी प्रमुख कारण है और 2.4 फीसदी लोग इसके कारण ही विकलांग हो जाते हैं।
    भारत में कुल 6.91 करोड़ लोग मधुमेह के शिकार हैं जो कि दुनिया में चीन के बाद दूसरा नंबर है। चीन में कुल 10.9 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित हैं। अंतर्राष्ट्रीय डायबिटीज फेडरेशन के डायबिटीज एटलस के मुताबिक भारत में मधुमेह से पीड़ित 3.6 करोड़ लोगों की जांच तक नहीं हुई है। देश के 20 से 79 साल की उम्र की आबादी का करीब 9 फीसदी मधुमेह से ग्रसित है।
    ये आंकड़े चिंताजनक है, क्योंकि मधुमेह एक क्रॉनिक रोग है, जो न केवल पैंक्रियाज की इंसुलिन निर्माण करने की क्षमता को प्रभावित करता है, बल्कि इसके कारण हृदय रोग, स्ट्रोक, गुर्दे की विफलता, दृष्टि की हानि और न्यूरोपैथी या तंत्रिका तंत्र क्षति होती है जिसे पांव काटने तक की नौबत आ जाती है।
    40 से 59 साल की उम्र के लोगों में ज्यादा हो रही बीमारी:-
    अन्य देशों की तरह जहां ज्यादातर 60 साल के ऊपर के लोग ही मधुमेह के शिकार होते हैं। भारत में यह 40 से 59 साल की उम्र के लोगों में ज्यादा पाया जाता है। इससे आबादी की उत्पादकता भी प्रभावित होती है।
    फोर्टिस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर डायबिटीज के मेटाबोलिक डिजिज एंड एंडोक्राइनोलॉजी के अध्यक्ष अनूप मिश्रा ने आईएएनएस को बताया, "भारत में दुनिया से एक दशक पहले से ही मधुमेह फैला है। इससे उत्पादकता घटती है और जटिलताएं पैदा होती हैं। हमें मधुमेह से लड़ने के लिए पल्स पोलिया जैसा अभियान चलाने की जरूरत है, क्योंकि यह समस्या टीबी, एचआईवी और मलेरिया से भी बड़ी है।"
    एक चैलेंज:- जिस किसी को भी #डायबिटीज़ या कोई भी #लाइफस्टाइल #डीज़ीज़ जैसे #उच्च रक्तचाप, #हृदय संबंधी प्राब्लम, #मोटापा, #कैंसर, #कोलेस्ट्रॉल, #थायराइड, #अर्थराइटिस, #सोरियासिस, #आंत व जिगर संबंधित रोग, #अस्थमा इत्यादि तकलीफ़ हो गई है उनके लिए मैंने काफ़ी रिसर्च करके एक युनिक यूनानी दवा तैयार की है जिसके सेवन से सिर्फ चार या छः या नौ महीने में उपरोक्त सभी प्रकार के रोग हमेशा केलिए रिवर्स हो जाती हैं। उस दवा का नाम है :-
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    जवाब देंहटाएं
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