मिर्जापुर। लाकडाउन के सात माह बाद बुधवार को जिले के इंटरमीडिएट कालेज खुल गए। हालांकि सभी विद्यालय नहीं खुले। फिर भी जो खुले वहां पर विद्यार्थी भी पहुंचे। शिक्षक भी विद्यार्थियों के पहुंचने से काफी प्रसन्न दिखायी दिए। यह अलग बात रही कि पहले ही दिन से विद्यालयों में कक्षाओं का संचालन शुरू हो गया।
हालांकि जिले में विद्यालय तो पहले से ही खुले हुए हैं लेकिन सुरक्षा को देखते हुए बच्चों को स्कूल आने को बाध्य नहीं किया गया। उनको अब तक आनलाइन पढ़ाई ही कराई जा रही। इसके बाद प्रदेश में अन्य जिलों में इसी माह में विद्यालय बच्चों के लिए भी खोल दिए गए लेकिन जिले में सतर्कता के चलते नहीं खोले गए। इसके बाद जिलाधिकारी की अध्यक्षता में प्रधानाचार्यों की बैठक हुई। उसमें यह तय किया गया कि विद्यालय में वे बच्चे ही प्रवेश करेंगे जिनके अभिभावक अपने बच्चों को विद्यालय भेजने की स्वीकृति देंगे। और वे ही विद्यालय खोले जाएंगे जो कि जिला प्रशासन को कोविड-19 की गाइड लाइन का अनुपालन करने की सहमति देंगे। इसके बाद बुधवार को विद्यालय खोलने की तिथि निर्धारित की गई थी। वैसे मंगलवार तक केवल 141 विद्यालयों ने ही सहमति पत्र प्रस्तुत किया था। इस पर उनको विद्यालय खोलने की अनुमति दी गई।
दो पालियों में चली कक्षाएं
मिर्जापुर। पहले दिन दो पालियों में कक्षाएं संचालित हुई। पहली पाली में कक्षा नौ व 10 की कक्षाएं व दूसरी पाली में कक्षा 11 व 12 की कक्षाएं संचालित हुई। बच्चे भी कम संख्या में ही आए। उन्हीं बच्चों को बुलाया गया था जिनके अभिभावकों ने सहमति पत्र दिया था। कक्षाओं में बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग के तहत बैठाया गया था। इसके साथ ही सैनिटाइजेशन व अन्य सुरक्षात्मक कार्रवाई की गई थी। विसुंदरपुर स्थित आदर्श इंटर कालेज में प्रधानाचार्य जयप्रकाश सरोज स्वयं अपनी देखरेख में कक्षाओं का संचालन कराते रहे। जिला विद्यालय निरीक्षक देवकी सिंह ने बताया कि विद्यालय सहमति पत्र दाखिल कर रहे हैं। जो सहमति पत्र दे रहे हैं, उन्हें विद्यालय खोलने की अनुमति दी जा रही है लेकिन जो नहीं दे रहे हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अभिलेखों का हुआ सत्यापन
मिर्जापुर। महुवरिया स्थित जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में बुधवार को आयोग से चयनित 112 सहायक अध्यापकों की काउंसिलिंग की गई। उनके अभिलेखों का सत्यापन किया गया। काउंसिलिंग कार्य दो दिनों से हो रही है। इसके बाद उनकी तैनाती की जाएगी।
हालांकि जिले में विद्यालय तो पहले से ही खुले हुए हैं लेकिन सुरक्षा को देखते हुए बच्चों को स्कूल आने को बाध्य नहीं किया गया। उनको अब तक आनलाइन पढ़ाई ही कराई जा रही। इसके बाद प्रदेश में अन्य जिलों में इसी माह में विद्यालय बच्चों के लिए भी खोल दिए गए लेकिन जिले में सतर्कता के चलते नहीं खोले गए। इसके बाद जिलाधिकारी की अध्यक्षता में प्रधानाचार्यों की बैठक हुई। उसमें यह तय किया गया कि विद्यालय में वे बच्चे ही प्रवेश करेंगे जिनके अभिभावक अपने बच्चों को विद्यालय भेजने की स्वीकृति देंगे। और वे ही विद्यालय खोले जाएंगे जो कि जिला प्रशासन को कोविड-19 की गाइड लाइन का अनुपालन करने की सहमति देंगे। इसके बाद बुधवार को विद्यालय खोलने की तिथि निर्धारित की गई थी। वैसे मंगलवार तक केवल 141 विद्यालयों ने ही सहमति पत्र प्रस्तुत किया था। इस पर उनको विद्यालय खोलने की अनुमति दी गई।
दो पालियों में चली कक्षाएं
मिर्जापुर। पहले दिन दो पालियों में कक्षाएं संचालित हुई। पहली पाली में कक्षा नौ व 10 की कक्षाएं व दूसरी पाली में कक्षा 11 व 12 की कक्षाएं संचालित हुई। बच्चे भी कम संख्या में ही आए। उन्हीं बच्चों को बुलाया गया था जिनके अभिभावकों ने सहमति पत्र दिया था। कक्षाओं में बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग के तहत बैठाया गया था। इसके साथ ही सैनिटाइजेशन व अन्य सुरक्षात्मक कार्रवाई की गई थी। विसुंदरपुर स्थित आदर्श इंटर कालेज में प्रधानाचार्य जयप्रकाश सरोज स्वयं अपनी देखरेख में कक्षाओं का संचालन कराते रहे। जिला विद्यालय निरीक्षक देवकी सिंह ने बताया कि विद्यालय सहमति पत्र दाखिल कर रहे हैं। जो सहमति पत्र दे रहे हैं, उन्हें विद्यालय खोलने की अनुमति दी जा रही है लेकिन जो नहीं दे रहे हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अभिलेखों का हुआ सत्यापन
मिर्जापुर। महुवरिया स्थित जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में बुधवार को आयोग से चयनित 112 सहायक अध्यापकों की काउंसिलिंग की गई। उनके अभिलेखों का सत्यापन किया गया। काउंसिलिंग कार्य दो दिनों से हो रही है। इसके बाद उनकी तैनाती की जाएगी।
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