मिर्जापुर में महीनों बाद सांसद अनुप्रिया पटेल का तेवर देखने को मिला। उनके एक पत्र से जिले के अफसरों में खलबली मच गई। जिले के सबसे बड़े अधिकारी डीएम को भी बैकफुट पर आना पड़ गया। जिस महत्वाकांक्षी मिशन का शिलान्यास तीन दिन पहले शनिवार को ही योगी सरकार के मंत्री रमाशंकर पटेल ने किया था, उस शिलापट्ट को रातोंरात डीएम ने उखड़वा दिया और यहां तक कह दिया कि शिलान्यास हुआ ही नहीं।
अदलहाट के कुकीहीपुर (गोठौरा ) गांव में दो सौ करोड़ की लागत से बनाए जाने वाले वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (जल शोधन संयत्र) का शिलान्यास 17 अक्तूबर को उर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर सिंह पटेल ने किया था। उनके नाम का शिलापट्ट भी लगवा दिया गया था। लेकिन इस कार्यक्रम में जिले की सांसद अनुप्रिया पटेल को नहीं बुलाया गया।
इसी बात से अनुप्रिया इतनी नाराज हुईं कि डीएम को पत्र जारी कर जवाब मांग लिया। कहा कि परियोजना का शुभारम्भ मुख्यमंत्री को करना था तो स्थानीय स्तर पर किसके आदेश से किया गया। यह भी पूछा कि इस समारोह में जिले के किसी सांसद या विधायक को क्यों नहीं बुलाया गया। अनुप्रिया ने पत्र में यहां तक चेतावनी दे दी कि तत्काल जवाब नहीं मिला तो सांसद होने के नाते मिले विशेषाधिकार के हनन की कार्यवाही भी डीएम के खिलाफ की जाएगी। सांसद के कड़े तेवर को भांपते हुए डीएम ने उन्हें जवाब भेजा कि शिलान्यास नहीं हुआ है। यही नहीं एसडीएम चुनार सुरेंद्र बहादुर सिंह को सोमवार की रात ही फोर्स लेकर शिलान्यास स्थल पर भेज कर शिलापट्ट को हटवा दिया।
मंगलवार की सुबह जब ग्रामीणों ने शिलापट्ट गायब देखा तो अचंभित रह गए। गांव के लोगों ने इसकी जानकारी अदलहाट थाने तक पहुंचाई। थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार यादव ने बताया कि एसडीएम चुनार ने खुद रात में हटवाया है।सांसद के कड़े तेवर को भांपते हुए डीएम ने उन्हें जवाब भेजा कि शिलान्यास नहीं हुआ है। यही नहीं एसडीएम चुनार सुरेंद्र बहादुर सिंह को सोमवार की रात ही फोर्स लेकर शिलान्यास स्थल पर भेज कर शिलापट्ट को हटवा दिया।
मंगलवार की सुबह जब ग्रामीणों ने शिलापट्ट गायब देखा तो अचंभित रह गए। गांव के लोगों ने इसकी जानकारी अदलहाट थाने तक पहुंचाई। थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार यादव ने बताया कि एसडीएम चुनार ने खुद रात में हटवाया है।
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