मोके पर मौजूद इंस्पेक्टर साहब ने यातायात नियमों को साझा किया,

लाल लाइट : यातायात के मुख्य तीन संकेतों में से लाल लाइट का मतलब होता है, रुकना. अर्थात् जब भी आप किसी चोराहें से गुजरते हैं तो आपको वहाँ जब लाल लाइट जलती हुई नजर आये तो आपको वहाँ रुकना होगा.

पीली लाइट : पीली लाइट का मतलब होता है चलने के तैयार हो जाना. अर्थात् जब आप लाल लाइट पर रुकते है इसके बाद जब पीली लाइट जलती है तो यह आपको चलने के लिए तैयार हो जाने का संकेत देती है.हरी लाइट : 
हरी लाइट का मतलब होता है जाना. अर्थात जब सिग्नल में हरी लाइट जलती है तो इसका अर्थ यह है कि आपको इस पर चलना है.
इस प्रकार आप इस संकेतों को फॉलो करके दुर्घटना होने से बच सकते हैं.
अपने वाहन की पार्किंग का ध्यान रखे : अपने वाहन की पार्किंग इस तरह से ना करे, कि वह दूसरों के लिए मुश्किल बन जाए. आप थोड़े समय के लिए भी पार्किंग करना चाहे, तब भी सही जगह पर ही करे, ताकि दूसरों को कोई दिक्कत ना हो.
सड़क पर ड्राइव करते समय ओवेरटेक ना करे : जब भी आप ड्राइव करते है, तो किसी से रेस ना लगाए. यह जरूरी नही कि कोई आपसे आगे निकल गया, तो आप भी उससे आगे निकले और यातायात के नियम को तोड़े. अगर आप यातायात के नियम का पालन करते हुये गाड़ी चलाते है, तो यह आपके साथ साथ दूसरों के लिए भी अच्छा होगा. 
बहुत ज्यादा और लगातार हॉर्न का उपयोग न करें : अगर आप लगातार हॉर्न बजाते है, तो इसका मतलब यह नही, कि आगे लगा हुआ जाम जल्दी क्लियर हो जाएगा, इससे सिर्फ सामने वाले व्यक्ति पर दबाव बनता है और ध्वनि प्रदूषण फेलता है. इससे अच्छा होगा, कि आप थोड़ा इंतजार करे और सामने वाले को निकलने का मौका दे.
एक तरफा रोड : जब आप एक तरफा रोड मे होते है, तो उसे फॉलो करे तथा उसे तोड़े नही. यह कुछ दूरी के लिए होता है. यह ड्राईवर की सुविधा के लिए ही बना होता है. तो इसे फॉलो करे. अगर कोई अपना समय को बचाने की उम्मीद से गलत साइड मे चलता है तो वह अपने साथ साथ दूसरों का भी समय खराब करता है.
लेन अनुशासन : अगर आप किसी लेन मे हो तो उसे फॉलो करे. बिना किसी अनुदेश के लेन को तोड़े नही. अगर कोई व्यक्ति आपने समय को बचाने की दृष्टि से लेन को तोड़ता है तो वह आने वाले की वाहनो को प्रभावित करता है.
यू – टर्न : यह ध्यान रखिए की यू-टर्न ड्राईवर का अधिकार नही है यह बस ड्राईवर की सुविधा के लिए बना होता है. जब भी आप यू-टर्न पर हो तो आगे पीछे के ट्रैफिक को देख ले, तथा सभी की सुविधाओं को देखते हुये यू-टर्न ले.
हाथ सिग्नल : अगर आप हाथ सिग्नल का उपयोग करते है, तो यह आपके पीछे चल रहे व्यक्ति के लिए सुविधा होती है. इससे आपके पीछे चल रहा व्यक्ति आपके साइड को समझ कर सेफ ड्राइविंग कर सकता है.
यातायात संकेत और यातायात नीति : यह जो यातायात संकेत और यातायात नीति होती है, यह उस जगह पर ड्राईवर को किसी कारण से दी होती है ताकि वह इसे ठीक से पड़े और फॉलो करे. यातायात संकेत और यातायात नीति के दिये जाने का सबसे बड़ा कारण हमारी सड्को के ट्रेफिक को बेहतर बनाना है.
गति प्रतिबंध : ड्राइविंग करते समय गति सबसे बड़ा फैक्टर होता है. अक्सर देखा जाता है कि रोड के अच्छे होने पर ड्राईवर के द्वारा स्पीड बढ़ा ली जाती है, परन्तु ऐसा नही होना चाहिए. कम से कम सिटी मे तो स्पीड लिमिट को फॉलो करना चाहिए.
समस्त भारत में इन नियमों को फॉलो करके दुर्घटना होने के खतरे से बचा जा सकता हैं.


हिंदी संवाद के लिए श्री संजय चौधरी 
 

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