विकासखंड गैड़ास बुजुर्ग ग्राम सभा नंदौरी और उसके मजरा भरवलिया के बीच बह रही राप्ती नदी ने दोनों गांव को अलग कर रखा है। भरवालिया वासियों ने नदी पार करने के लिए अपने निजी खर्चे से नाव की व्यवस्था कर रखी है। आवागमन के लिए नाव के सहारे रोज नदी पार करना पड़ता है। तहसील, कचहरी, स्कूल, अस्पताल पहुंचने के लिए यहां के लोग रोज अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं। नदी पार करने के बाद इन्हें एक किलोमीटर कच्चे, उबड़ ,खाबड़ रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है। राशन कार्ड धारकों को राशन लेने के लिए नदी पार कर नंदौरी आना पड़ता है। सबसे अधिक समस्या गर्भवती महिलाओं को होती है टीकाकरण व इलाज के लिए नाव से नदी पार कर कच्चे उबड़ खाबड़ रास्तों से होते हुए नंदोरी एएनम सेंटर पहुंचना होता है।
ग्रामवासी समीउल्ला खान बताते हैं कि इस गंभीर समस्या का सामना पूर्वजों से चला आ रहा है। नदी पर स्थाई या अस्थाई पीपा पुल बनाने की मांग करते तमाम ग्रामवासी परलोक सिधार गए लेकिन उनका सपना नहीं पूरा हुआ। इस आधुनिक युग में भी हमारे ग्राम सभा के लोग पुराने जमाने के नावं से नदी पार करने को मजबूर हैं। कई बार जनप्रतिनिधियों से नदी पर पक्का या अस्थाई पुल बनाने की मांग की गई लेकिन किसी जनप्रतिनिधि ने सफल प्रयास नहीं किया।
अमानत खान कहते हैं कि हमारा गांव अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का शिकार होकर रह गया है। चुनाव के दौरान तमाम नेता आते हैं और लंबे चौड़े खोखले वादे कर चले जाते हैं।
भरवलिया वासियों की गंभीर समस्याओं के संबंध में गुरुवार को उतरौला विकास मंच अध्यक्ष आदिल हुसैन ने जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी उतरौला अरुण कुमार गौड़ को सौंप कर नंदोरी एवं भरवलिया के बीच बह रही राप्ती नदी पर पीपा पुल बनाए जाने की मांग की है।
उन्होंने कहा है कि पिपरा घाट राप्ती नदी पर पक्का पुल का निर्माण हो चुका है। पूर्व में बने पीपा पुल का पीपा खाली पड़ा हुआ है। पिपरा घाट पर खाली पड़ा पीपा को उठवा कर भरवलिया और नंदौरी के बीच बह रही राप्ती नदी पर अस्थाई पीपा पुल निर्माण करा कर ग्रामीणों के गंभीर समस्याओं का समाधान कराए जाने की मांग की है। ज्ञापन सौंपने वालों में जितेंद्र यादव, दीपक गुप्ता, धर्मराज यादव, रामकिशन गौतम, दिनेश कुमार, मोहम्मद शमीम, रवि प्रताप, सबीहुल हसन आदि मौजूद रहे।
असगर अली
उतरौला
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