बलरामपुर //
महिला किसान समूह एवं पंचायती सदस्य की सहभागिता हेतु प्रशिक्षण
दिनांक 12 अक्टूबर 2020 को ग्राम पंचायत भीखपुरमें महिला के साथ समूह एवं पंचायत सदस्य एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया प्रशिक्षण का उद्देश्य महिला किसान समूह एवं पंचायत सदस्य की भूमिका को लेकर चर्चा की गई जिसमें परियोजना के उद्देश्य के बारे में बताया गया कि तराई इन्वायरमेंट अवेयरनेस समिति एवं चाइल्ड पर इंडिया, यूरोपियन यूनियन, के साझा प्रयास के द्वारा यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसमें नागर समाज संगठन द्वारा महिला किसान को सशक्तिकरण करना है एवं उनके अधिकारों के बारे में उन्हें जागरूक करना है, परियोजना महिला किसान को आगे बढ़ाना एवं महिला किसान उत्पादक संगठन के रूप में पहचान विकसित करना है। 
प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत प्रार्थना से की गई तत्पश्चात प्रशिक्षण में आए हुए सभी  प्रशिक्षणार्थियों का स्वागत एवं परिचय  किया गया,
आलोक जी द्वारा बताया गया कि चाइल्ड फंड इंडिया बच्चों युवाओं एवं महिलाओं के साथ पोषण शिक्षा आजीविका एवं महिला किसान पर कार्य कर रही है चाइल्डफंड बच्चों में सकारात्मक परिवर्तन के द्वारा समुदाय में सकारात्मक परिवर्तन देखना चाहती है चाइल्डफंड का उद्देश्य बच्चों में सम्मान पूर्ण जीवन जी सके उनका सर्वांगीण विकास हो इसके बारे में चर्चा की गई, प्रशिक्षण में बताया गया कि अगर किसान की बात करें तो आप किस वर्ग को किसान के रूप में देखती हैं महिलाओं का उत्तर पुरुष के रूप में था, तत्पश्चात प्रशिक्षण में प्रश्न किया गया कि अगर महिला की बात की जाए खेती में उनकी कितनी सहभागिता होती है और वह कृषि में किन-किन कार्यों का जुड़ाव रखती है चार्ट पेपर के माध्यम से महिला और पुरुष के खेती संबंधित गतिविधियों का अवलोकन किया गया जिसमें देखा गया अगर काम की तुलना करें तो महिलाएं खेती में आगे हैं लेकिन उनकी पहचान नहीं बन पाती है जमीन की हिस्सेदारी की अगर बात की जाए तो पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की संख्या बहुत कम है। उन्हें सरकारी योजनाओं से क्या लाभ हो सकता है एवं महिला किसान एक सफल उत्पादक संगठन के रूप में विकसित हो और उनकी पहचान परियोजना का प्रमुख उद्देश्य है।
प्रशिक्षण में समूह की आवश्यकताओं के बारे में बताएगा कि महिला किसान समूह क्यों जरूरी है, समूह की आवश्यकता के बारे में बताया गया कि अगर एकल महिला कोई काम करें तो समय लगता है लेकिन अगर कोई समूह के रूप में काम करता है तो उसका प्रतिफल दुगना होता है, समूह का तात्पर्य से समुदाय से है जहां पर एक जाति के लोग एक धर्म के लोग एक साथ एकत्रित होते हैं और अपनी बातों को रखते हैं समूह की आवश्यकता को बताते हुए बताया गया कि समूह ऐसा हो जिसमें एक दूसरे के सुख दुख में वह शामिल हो सकें समूह वह ताकत है जिसके तहत वह अपने अधिकारों को प्राप्त कर सकते हैं समूह का एक प्रमुख उद्देश्य है भी है कि उनकी गरीबी में सुधार आए और वह एकजुट होकर एक निर्माता समूह के रूप में विकसित हो , एक अच्छा नेतृत्व की पहचान अगर की जाए तो वह शिक्षित हो और अपनी महत्वाकांक्षी योजनाओं को सफल रूप से निर्वाहन कर सकें जिससे उसे ग्राम समाज का विकास हो और परियोजना में अपनी सहभागिता हो। जेंडर के बारे में बताया गया कि जेंडर शब्द स्त्री और पुरुष दोनों से बना हुआ है जेंडर महिला और पुरुष में सामाजिक तौर पर जो अंतर किया जाता है जैसे क्या पहनना है चाहिए कैसे बोलना चाहिए कौन निर्णय लेगा इन सब बातों को सम्मिलित किया जाता है अगर सामाजिक अंतर की बात करें तो काम अलग-अलग समाज में है अलग-अलग देखा सकता है जबकि प्राकृतिक अंतर सभी समाजों में समान ही होगा जैसे अगर उदाहरण की बात की जाए तो बच्चे को जन्म देना और मां का स्तनपान करना महिलाओं के कार्य हैं इसके अलावा अगर कोई बात की जाए कार्य को लेकर उदाहरण के रूप में लंबे बाल होना घर से ज्यादा समय बाहर रहना भारी सामान उठाना बच्चे पालना कपड़ों की सिलाई करना बिजनेस करना घर चलाना आदि ऐसे बहुत से कार्य हैं जो महिला और पुरुष दोनों से संबंधित है । दोनों के कार्य समान रूप से समाज में संचालित होते हैं लेकिन महिला सामाजिक मान्यताओं के अंतर्गत उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया जाता , प्रशिक्षण में  जलवायु परिवर्तन के बारे में भी चर्चा की गई और लोगों को अवगत कराया गया कि वह अपनी फसल को खेतों में ना जलाएं उसका खाद बनाकर खेतों में इस्तेमाल करें क्योंकि जो हमारे जीवाश्म है भूमि शक्ति को बढ़ाते हैं , जलवायु परिवर्तन की अगर बात करें तो जलवायु परिवर्तन 20 से 30 साल में जो बदलाव आता है आज का क्या तापमान है और आने वाले 20 से 30 साल में क्या तापमान होगा उसे हमारे फसल पर क्या प्रभाव पड़ेगा मानव समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा,  देखा गया है कि जलवायु परिवर्तन से कृषि पर क्या प्रभाव पड़ रहा है‌ पहले खेतों में जीवाश्म होते थे लेकिन अब वह धीरे-धीरे नष्ट हो गए हैं जिसका सीधा प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पड़ रहा है हमें अपने खेत में जैविक खाद का इस्तेमाल करके अपने खेत को बंजर होने से बचा सकते हैं और उत्पादन वृद्धि कर सकते हैं, प्रशिक्षण में आ.भारतीय किसान यूनियन जिलाध्यक्ष 'दिव्य प्रकाश तिवारी, ग्राम पंचायत भीखपुर की समूह सखी सालनी जी , 35 महिला किसान लोगों ने प्रशिक्षण में भाग लिया , तराई इन्वायरमेंट अवेयरनेस समिति  संस्था के  समुदाय मित्र आलोक कुमार मिश्रा पुरुषोत्तम तिवारी , मॉनिटरिंग ऑफिसर विष्णु कुमार श्रीवास्तव आंगनबाड़ी कार्यकत्री किरण जी विद्यालय की प्रधानाध्यापिका गुंजन गुप्ता जी,  उपस्थित रहे, प्रशिक्षण के अंत में सभी को धन्यवाद देते हुए प्रशिक्षण का समापन किया गया।
उमेश चन्द्र तिवारी 
बलरामपुर 

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