बलिदान_दिवस
कश्मीरी पंडितों के जबरन इस्लाम धर्म में परिवर्तन की सूचना पर औरंगजेब के खिलाफ संघर्ष में शीश कटाकर सर्वस्व न्योछावर करने वाले पिता गुरु तेग बहादुर सिंह जी के बलिदान के बाद गुरु गोविन्द सिंह सिखों के दसवे गुरु बने तो आक्रांता मुग़लों ने उन्हें भी इस्लाम स्वीकार करने के लिए दबाव देना शुरू कर दिया लेकिन धर्म, वीरता, ज्ञान की साक्षात मूर्ति #गुरु_गोविंद_सिंह जी ने मुग़लों के खिलाफ पिता के बलिदानी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए औरंगजेब से धर्म रक्षा हेतु खालसा पंथ की स्थापना की और ललकारते हुए कहा,
"चिडि़यों ते मैं बाज तुड़ाऊं। सवा लाख से एक लड़ाऊं। तबै गुरु गोबिंद सिंह नाम कहाऊं"
गुरु के पुत्रों की औरंजगेब द्वारा निर्ममतापूर्वक दीवार में चुनवाकर हत्या कर दी गयी लेकिन गुरु गोबिंद सिंह ने औरंगजेब को पत्र लिखकर कहा कि अब तेरे नाश के लिए खालसा पंथ तैयार कर लिया गया है जिसने कालांतर में औरंजगेब के कई बहादुरों को मौत के घाट उतारा। औरंगज़ेब ने उनके मनोबल और स्वाभिमान तोड़ने की भरसक कोशिश की लेकिन गुरु गोबिंद सिंह जी ने मुग़ल सेना को ऐसा मुँहतोड़ जवाब दिया जिसकी औरंगज़ेब ने कभी कल्पना तक नहीं की थी, गुरु गोबिंद सिंह जी को धर्म पथ से नहीं डिगा पाने और जीत पाने का मलाल औरंगजेब को ताउम्र रहा और मरते वक्त गुरु गोबिंद सिंह जी को पत्र लिखकर इस बात को स्वंय उसने कहा।
ऐसे धर्म रक्षक, ज्ञान और वीरता की पराकाष्ठा #गुरु_गोविंद_सिंह जी के बलिदान दिवस पर कोटि-कोटि नमन
#gurugobindsinghji
नंदकिशोर गुर्जर,विधायक लोनी
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